MSME Kya Hai : अमूमन हम समाचार पत्रों, न्यूज़ चैनलों और सरकार द्वारा की जानें वाली उद्योग जगत की घोषणाओं में एमएसएमई का नाम अवश्य सुनते हैं। हालाँकि एमएसएमई (MSME Kya Hai) क्या होता है? इस बारे में बहुत ही कम लोग जानते है। हमारे देश की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई सेक्टर का बहुत बड़ा योगदान है और इसे अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। यह सेक्टर रोज़गार के अवसर तो पैदा करता ही है साथ ही दूर दराज ग्रामीण इलाकों के विकास में भी अहम भूमिका निभा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो भारत में करीब 6.3 करोड़ एमएसएमई हैं। तो चलिए इस बारे में जान लेते हैं।
यह भी पढ़ें : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन क्या है, जो दूर करेगा गांव की बेरोजगारी
MSME का मतलब क्या है?
बात करते है फुल फॉर्म की तो MSME का मतलब माइक्रो, स्माल एंड मीडियम एंटरप्राइज होता है। और हिन्दी में कहे तो सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग। अगर आपको और आसान भाषा में समझना है कि तो एमएसएमई के दायरे में एक छोटी सी फोटोकॉपी की दुकान से लेकर बड़े बड़े ऑटोमोबाइल गैरेज तक आते हैं।
भारत सरकार की योजनाओं से संबंधित और भी ज्यादा जानकारी के लिए हमारे WhatsApp Channel से जुड़े।
एमएसएमई में क्या होता है?
(MSME Kya Hai)
MSME केंद्र सरकार का एक मंत्रालय है जिसकी शुरुआत उद्योगों को बढ़ावा देने लिए की गई। मतलब कारोबारियों को सरकारी मदद कैसे मिले, इसके लिए केंद्र सरकार ने अलग से एक विभाग बनाया है। लगभग 12 करोड़ लोगों की आजीविका इसी क्षेत्र पर निर्भर है | यह सभी उद्योग जीडीपी (GDP) अर्थात सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 29 फ़ीसदी का योगदान देते है। सीधे शब्दों में कहें तो भारत सरकार देश में संचालित छोटे एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से MSME मंत्रालय के बैनर तले विभिन्न योजनाओं के माध्यम से व्यापारियों को आर्थिक सहायता मुहैया करानें का कार्य करती है।
यह भी पढ़ें : सरसों, सोयाबीन, ईसबगोल, तारामीरा के भाव में लगी आग,जानें आज के ताजा मंडी भाव
MSME की नई परिभाषा
जब सारा देश कोरोना काल से झूंझ रहा था तब मई 2020 में जारी लॉकडाउन के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग क्षेत्र में बड़े संशोधन करनें के साथ ही एमएसएमई की परिभाषा में भी बदलाव किया। एमएसएमई के माध्यम से सरकार सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों को बिना किसी रूकावट के अधिक से अधिक लाभ पहुँचाने का प्रयास करती है। इसके अंतर्गत सरकार नें उद्योगों को 3 भागों सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग में विभाजित किया है। पुरानी परिभाषा की बात करें तो अभी तक सूक्ष्म, लघु और मीडियम कारोबार में निवेश करनें की सीमा 25 लाख, 5 करोड़ और 10 करोड़ रुपये थी। लेकिन नई परिभाषा के अनुसार यह MSME सीमा अब 1 करोड़, 10 करोड़ और 20 करोड़ कर दी गई है।
यह भी पढ़ें : Kisan Business Idea: 8 हजार खर्च करके किसान हर महीने कमा सकते हैं लाखों रुपये, पढ़ें पूरी खबर
MSME मंत्री कौन है?
यह मंत्रालय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास (MSMED) अधिनियम 2006 के अंतर्गत अस्तित्व में आया। तत्कालीन मनमोहन सरकार ने देश के प्रथम एमएसएमई मंत्री के रूप में श्री महावीर प्रसाद को नियुक्त किया। वर्तमान मंत्रीवर श्री नारायण तातू राणे ने जुलाई 2021 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय का कार्यभार संभाला। श्री राणे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार में उद्योग, बंदरगाह, रोजगार और स्वरोजगार के कैबिनेट मंत्री के रूप में भी काम किया है।