जयपुर। धीरू भाई अंबानी के दोनों बेटों मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के बीच जब रिलायंस कंपनी का बंटवारा हुआ तो अनिल अंबानी के को रिलायंस इंफोकॉम मिली थी। जबकि, मुकेश अंबानी के हिस्से में पेट्रोकैमिकल आई। दोनों को बराबर की हिस्सेदारी मिली, लेकिन आज के समय में मुकेश भाई एशिया का सबसे अमीर उद्योपति है तो अनिल अपनी दिवालिया कंपनियों के कर्ज का बोझ उठा रहे हैं। एक समय था जब अनिल अंबानी दुनिया के छठे सबसे अमीर उद्योगपति थे, लेकिन आज वो दिवालिया हो चुके हैं।
अंबानी करीब 49 बार डिफॉल्टर
आपको बता दें कि बैंकों के भारी भरकम बोझ तले दबे अनिल अंबानी करीब 49 बार डिफॉल्टर बन चुके हैं। कंपनी के बंटवारे बाद के कुछ सालों तक ठीक चलता रहा, लेकिन फिर अनिल अंबानी बर्बादी की राह पर चल पड़े। अनिल अंबानी की आरकॉम दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई। कंपनी पर कर्ज बढ़ने लगा। आज अनिल अंबानी की उस गलती की बात करते हैं, जिसकी वजह से वो इस हालात में पहुंच गए।
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खुद की गलतियों से डूबी कंपनी
अनिल अंबानी को नए जमाने की कंपनियां मिली थी लेकिन वो संभाल नहीं पाए। हालत ऐसी हो गई कि उन्हें कर्ज चुकाने के लिए भी कर्ज लेना पड़ा। कर्ज का ये दर्द उस वक्त और भारी हो गया, जब आरकॉम और एयरसेल के विलय में असफलता मिली। 2016 में आरकॉम और एयरसेल का विलय विफल रहा। बंटवारे के बाद अनिल अंबानी को रिलायंस की प्रॉफिट और ग्रोथ देने वाली कंपनियां मिली थी। बावजूद वो उसे बढ़ाना तो दूर, उसे बचा तक नहीं सके। अंबानी के पतन के पीछे उनकी गलतियां हैं। अनिल अंबानी एक कारोबार से दूसरे कारोबार में कूदते जा रहे थे, लेकिन क्रियान्वयन की खामियों के कारण उनका पैसा उन कारबारों में फंसता चला गया। अनिल नए प्रोजेक्ट में पैसा लगाते जा रहे थे। इस वजह से उनपर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा था। कर्ज अब कंट्रोल से बाहर हो रहा था। साल 2019 तक अनिल अंबानी की कंपनियों पर कर्ज का कुल बोझ 1.73 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था ।
अनिल अंबानी की कंपनियां कभी सफलता के चरम पर पहुंच गई थी। साल 2008 में अनिल अंबानी की कंपनियों का मार्केट वैल्यू 4 लाख करोड़ रुपये के पार हो चुका था। लेकिन 2019 में ये वैल्यू गिरकर मात्र 2391 करोड़ रुपये रह गई। अनिल अंबानी बैंकों के कर्ज के बोझ तले दबे जा रहे थे। जो अनिल 10 साल पहले तक दुनिया के अमीर उद्योगपतियों में से एक थे, अब वो कंगाली के कगार पर पहुंच चुके थे। कंपनी से खुद ही दिवालियापन के रास्ते पर चलने का फैसला किया। रिलायंस कम्युनिकेशंस यानी RCom ने खुद को दिवालिया करार दिया।
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ये है मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी में अंतर
2008 में अनिल अंबानी 45 अरब डॉलर के साथ दुनिया के छठें सबसे अमीर उद्योगपति थे, लेकिन 2019 में वो फोर्ब्स की सूची में भारत में भी 70वें नंबर से बाहर है। दुनिया के अरबपतियों में उनका नंबर 1349वें नंबर पर था। अनिल अंबानी के पास 1.7 अरब की डॉलर बची। अनिल अंबानी अपनी गलतियों से सब गंवा बैठे। साल 2019 में जब अनिल अंबानी के पास 1.7 अरब डॉलर की संपत्ति बची थी। उस वक्त मुकेश अंबानी के पास 50 अरब डॉलर थी। मुकेश अंबानी आज दुनिया से टॉप 10 अमीरों में शामिल है। मुकेश के पास 85 अरब डॉलर से अधिक की संपत्ति है। वहीं, अनिल आज दिवालिया हो चुके हैं।
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