जयपुर। आज के समय में प्रफुल्ल बिल्लोर को लोग MBA चाय वाला के नाम से जानते हैं। ये वो व्यक्ति हैं उन्होंने बहुत ही कम उम्र में सफलता हासिल की है। उन्होंने अपनी सफलता की नींव छोटे-छोटे कदम बढ़ाकर रखी। इस सफर में उन्होंने बहुत कुछ सुनना भी पड़ा और सहना भी। लेकिन, वह बढ़ते गए। फिर 24 साल में चाय बेचकर करोड़पति बने।
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MBA करना था सपना
प्रफुल्ल बिल्लोर हमेशा से MBA करना चाहते थे। लेकिन, कई प्रयासों के बाद भी कैट निकाल पाने में सफल नहीं हुए। इसके लिए उन्होंने काफी मेहनत भी की। इस बात से वह काफी उदास भी हुए। इसके बाद उन्होंने अलग-अलग शहरो में कुछ नया खोजना शुरू किय। इसके लिए चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद जैसे शहरों में गए। उन्हें कुछ ढंग का आइडिया नहीं आ रहा था।
मैक्डॉनल्ड में भी की नौकरी
प्रफुल्ल बिल्लोर ने फिर अहमदाबाद में मेक्डॉनल्ड में डिलीवरी बॉय की नौकरी शुरू की। यहां उन्हें करीब एक घंटे के 37 रुपये मिलते थे। कुछ दिन बाद उनका प्रमोशन हो गया। वह प्रमोट होकर वेटर बन गए।
नौकरी करते हुए आई दिमाग में बात
प्रफुल्ल के दिमाग में जॉब करते हुए एक बात आई। उन्होंने सोचा कि जब विदेशी कंपनियां हमारे देश बर्गर बेचकर इतना ज्यादा कमा सकती हैं तो क्यों न वह भी अपना खुद का कोई प्रोडक्ट चुनें जो पूरे देश को कनेक्ट करता हो। काफी दिमाग लगाने के बाद वह इस नतीजे पर पहुंचे कि सिर्फ चाय है जो हर जगह कॉमन है। नॉर्थ से साउथ और ईस्ट से वेस्ट हर कोई इसे पीता है।
कैफे शुरू करने के लिए नहीं था पैसा
इसके बाद प्रफुल्ल अपना कैफे शुरू करना चाहते थे। लेकिन, इसके लिए पैसे नहीं थे। तो उन्होंने सोचा क्यों न छोटी शुरुआत ही की जाए। इसके बाद उन्होंने चाय का इस्टॉल लगाने का फैसला किया। इसके लिए भी उन्हें बर्तन, स्टॉल और दूसरी चीजों की जरूरत थी। उन्होंने झूठ बोलकर पिता से इसके लिए पैसे लिए।
अंग्रेजी बोलते हुए बेचते थे चाय
प्रफुल्ल सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक मैक्डॉनल्ड में काम करते थे। वापस आने के बाद शाम को 7 से 11 तक चाय बेचते थे। उनके चाय बेचने का तरीका दूसरों से अलग था। ग्राहकों से वह अंग्रेजी में बात करते थे। इसकी वजह से वह लोगों की नजरों में आने लगे। जब वह अपने चाय के खोपचे से अच्छे पैसे कमाने लगे तो उन्होंने नौकरी छोड़ दी।
लोगों ने खूब उड़ाई खिल्ली
प्रफुल्ल ने इस दौरान एक लोकल कॉलेज में एडमिशन ले लिया। कॉलेज में उन्होंने देखा कि छात्र अपना काफी समय बेकार कर रहे हैं। फ्यूचर पर उनका कोई ध्यान नहीं था। यह देख प्रफुल्ल ने अपने बिजनस पर फोकस किया। उसे और बढ़ाने की कोशिश की। जब सब कुछ ठीक चल रहा था तो वह चिढ़न का शिकार हुए। आसपास के दुकान वालों ने उनकी दुकान बंद करा दी।
हार नहीं मानी
प्रफुल्ल ने इसके बाद अहमदाबाद में जगह तलाशना शुरू की। उन्होंने हॉस्पिटल के सामने एक जगह किराये पर ली। इसके लिए उन्हें 10 हजार रुपये हर महीने देना पड़ता था। नये स्टॉल का नाम रखा MBA चाय वाला। इसका पूरा नाम था 'मिस्टर बिल्लोर अहमदाबाद चाय वाला'। धीरे-धीरे उनका कारोबार इतना बड़ा हो गया कि आज इसका टर्नओवर करोड़ो में है।
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