Rajasthan Budget 2024: राजस्थान की भजनलाल सरकार अपना पहला बजट जल्द ही पेश करेगी। इस बजट से अलग-अलग समुदायों की बड़ी-बड़ी उम्मीदें बंधी हुई हैं। युवा नौकरी के लिए, महिलायें सेफ्टी और महंगाई से राहत के लिए तो पुरुष भी अपनी-अपनी मांगों को लेकर बजट से उम्मीद लगाकर बैठे हैं। इसी कतार में सबसे पीछे खड़ा है किन्नर समाज, जो लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रहा हैं। उसे उम्मीद है नई सरकार कुछ न कुछ करेगी।
किन्नर समाज को ‘भजनलाल सरकार’ से उम्मीद
राजस्थान में किन्नर समुदाय लंबे समय से अपने लोगों को मुख्यधारा में लाने की मांग करता रहा हैं। इसके लिए कई बार बुलंद होकर किन्नर समुदाय के नेताओं ने मांग उठाई, लेकिन सरकार के हुक्मरानों तक वह अपनी आवाज पहुंचाने में नाकाम रहे। अब जब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया है और सर्वसमाज को समझने की बात कहने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन चुकी है तो किन्नर समुदाय के मन में एक बार फिर उम्मीद बनी हैं कि उन्हें समझा जाएगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने माना था लिंग का तीसरा वर्ग
गौरतलब हैं कि, साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने किन्नरों को लिंग का तीसरा वर्ग माना था। भारत दुनिया का पहला देश है जिसने किन्नरों को यह दर्जा दिया था। उन्हें शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और नौकरियों में आरक्षण देने का भी आदेश दिया। कोर्ट ने किन्नरों को बराबरी का हक देते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे किन्नरों की सामाजिक और लिंगानुगत समस्याओं का निवारण करें। इसके बाबजूद अभी तक प्रदेश में किन्नर समुदाय वंचित हैं।
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किन्नर समुदाय की प्रमुख मांगे –
- शवों को दफ़नाने के लिए कल्याण भूमि की जगह आवंटित की जाए।
- किन्नरों के कल्याण के लिए आयोग या बोर्ड का गठन किया जाए।
- असली किन्नर भीख नहीं मांगते हैं इसलिए किन्नरों को मुख्यधारा में लाया जाए।
- सरकारी नौकरियों में उचित आरक्षण दिया जाए ताकि किन्नर लोग आगे आ सकें।