थोक महंगाई का लंबे समय तक बढ़ा रहना चिंता का विषय है। इससे सामान बनाने वाली कंपनिया अपने प्रोडक्ट कीमत बढ़ा देती है। लेकिन मई 2023 में थोक महंगाई एकदम से गिर गई है। 14 जून को मई महीने की थोक महंगाई दर के आंकड़े जारी किए हैं। 8 सालों में थोक महंगाई दर सबसे निचले स्तर पर आ गई है। देश में थोक महंगाई दर मई में घटकर 3.48% पर आ गई है। इससे पहले अक्टूबर 2015 में ये दर -3.81% पर थी। वहीं तीन दिन पहले फुटकर महंगाई दर 4.25% दर्ज की गई जो 2 साल में सबसे कम है।
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थोक महंगाई का लगातार बढ़ना आम आदमी के लिए भारी
अगर थोक महंगाई दर लगातार बढ़ती रहती है तो इसका विपरीत असर पड़ता है। कंज्यूमर्स को इसका नुकसान भुगतना पड़ता है। अधिकतर सामान बनाने वाली कंपनियां अपने प्रोडक्ट की कीमत बढ़ा देती है। एक तरह से यह चिंता का विषय है। ज्यादातर प्रोडक्टिव सेक्टर थोक महंगाई के बढ़े रहने पर इसका बोझ कंज्यूमर्स पर डाल देते हैं। WPI में ज्यादा वेटेज मेटल, केमिकल, प्लास्टिक, रबर जैसे फैक्ट्री से जुड़े सामानों का होता है।
ये सामान हुए सस्ते
मई में थोक महंगाई दर में कमी हुई है। अगर हम देखें तो सबसे ज्यादा कमी खाद्य मंहगाई पर हुई है। मई में खाद्य महंगाई दर 0.87% से घटकर -0.46% रही है। इसके अलावा रोजाना जरूरत के सामानों की महंगाई दर भी 1.20% से घटकर -1.13% रही है। ईंधन और बिजली की थोक महंगाई दर पर भी परिवर्तन हुआ। यह -2.43% से घटकर -2.62% रही है। लेकिन मेन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर घटने के बजाय बढ़ी हुई दिखी। यह -0.07% से बढ़कर -0.35% रही है।