MBBS के छात्रों को गुस्से में मरीजों से बात करने से पहले सौ बार सोचना होगा। मरीजों का इलाज करने के साथ उनसे अच्छा व्यवहार भी करना होगा। ऐसा न करने पर उनके नंबर घटेंगे और बढ़ेंगे भी। यही नहीं व्यवहार अच्छा न होने पर वे पास भी नहीं हो पाएंगे। Haldwani Medical College में ऐसी पहल डॉक्टरों के व्यवहार को और कुशल बनने के लिए किया जा रहा है। अच्छा व्यवहार करने के भी डॉक्टरों को भी डॉक्टरों को यहां नंबर दिए जाएंगें।
एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए यह नया प्रयोग किया गया है। मरीजों से किए व्यवहार पर भी उन्हें नंबर दिए जाएंगे। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के मडिकल छात्रों के व्यवहार को और अच्छा बनाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। इसके लिए प्रोफेसरों को भी प्रशिक्षित किया गया है। जिससे वे छात्रों को सही से प्रशिक्षण दे पाएं। कॉलेज का यह कदम डॉक्टर बनने वाले छात्रों को व्यावहारिक इंसान बनाएगा।
मेडिकल काउंसिल की नई गाइडलाइन
एमबीबीएस कर रहे छात्र—छात्राओं को पढ़ाई के दौरान प्राथमिक उपचार करना आ जाता है। जिसमें टांके लगाना, बीपी नापना जैसे कई उपचार होते हैं। लेकिन अब सिर्फ इन कौशलों से डॉक्टर बनना नहीं हो पाएगा। इसके लिए विनम्र व्यवहार होना भी जरूरी है। एनएमसी ने इसके लिए गाइडलाइन जारी की है।
प्रोफेसर्स के लिए भी बेसिक कोर्स
मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर्स को भी इसके लिए बेसिक कोर्स करवाया जाएगा।
जिससे मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों को प्रशिक्षित किया जा सके। मेडिकल छात्रों के लिए चिकित्सकिय नैतिकता का ज्ञान देने के लिए बातचीत का तरीका सीखना जरूरी है। एमबीबीएस की पूरी पढ़ाई के दौरान छात्रों को यह बताया जाएगा कि परीक्षा परिणाम आने पर ये नंबर भी जोड़े जाएंगे।
चार होंगे बिंदू
परीक्षा के समय छात्रों को नंबर देते समय अब प्रोफेसर्स को चार बातों का ध्यान रखना होगा। जिसमें थ्योराी, चिकित्सकीय ज्ञान, मनोदृष्टि के साथ अब बातचीत का ज्ञान भी देखा जाएगा। इन चारों श्रेणियों में पास होना जरूरी होगा।