भारत में प्रतिभाशाली युवाओं की कमी नहीं है। यहां हर क्षेत्र में उसका प्रदर्शन भी साफ तौर पर दिखता है। फिर भी देश से बड़ी संख्या में युवा विदेशों में शिक्षा लेने के लिए जा रहे हैं। यह संख्या हर साल बढ़ रही है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि युवाओं में विदेश में शिक्षा का कितना क्रेज हैं। जो वहां की महंगी शिक्षा और अन्य खर्चों के बाद भी बढ़ रहा है। विदेशी यूनिवर्सिटीज में भी यह देखकर कई नए कोर्सेस की संख्या बढ़ाई जा रही है।
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क्यों बढ़ रही है विदेश से डिग्री लेने वालों की संख्या
विदेश से ग्रैज या पोस्ट गै्रज्युएशन की डिग्री लेने वाले छात्रों की संख्या पिछले 5 सालों में काफी ज्यादा बढ़ी है। दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहां यूनिवर्सिटीज बच्चों के लिए बहुत सारे पॉपुलर कोर्सेस शुरू किए जा रहे हैं। जिससे दूसरे देश के छात्रों को वहां पढ़ने के लिए आकर्षित हो सकें।
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क्या पहली पसंद
शिक्षा के जरिये अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए छात्रों को विदेशों में पढ़े कुछ विषय खास पसंद आ रहे हैं। इनमें बिजनेस स्टडीज और अकाउंट्स को खास तौर से पसंद किया जा रहा है। अकाउंटिंग और फाइनेंशियल फील्ड्स भी ऐसी हैं जिनमें स्पेशलाइजेशन करने के बाद छात्रों को अच्छा पैकेज मिल जाता है।
स्पेशल कोर्सेज हो रहे हैं शुरू
विदेशी यूनिवर्सिटीज में भी बाहरी छात्रों की संख्या को देखते हुए कई कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। जिनमें पहले एमबीए इंजीनियरिंग और मेडिकल फील्ड के साथ अकाउंट्स और फाइनेंस को भी शामिल किया जा रहा है। इनसे जुड़ी कई स्टडीज यहां कम समय के कोर्सेस में छात्रों को प्रोवाइड करवाई जा रही हैं। वहीं अब कोडिंग, एल्गोरिदम, सॉफ्टवेयर और डेटाबेस जैसे विषय भी रफ्तार पकड़ रहे हैं।
कौनसी कंट्री हैं टाॅप पर
भारत ही नहीं अन्य देशों से भी छात्रों की संख्या कुछ देशों में डिग्री लेने जा रहे हैं। इन देशों में यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, यूएसए, कनाडा और न्यूजीलैंड सहित और भी कई देश शामिल हैं।