जयपुर। CET Exam : राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश से कई ऐसी घटनाओं की खबरें सामने आती रहती हैं जिनमें हिंदूओं की धार्मिक भावनाओं की सरेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं। हाल ही में एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को कार्यालय में तब प्रवेश दिया गया जब उनके हाथ में बंधा कलावा काटा गया। इस घटना के वीडियो भी काफी वायरल हुए थे, जिनको लेकर तगड़ा बवाल मचा था। लेकिन अब ऐसा ही एक और वाकया राजस्थान में सामने आया है…जिसको लेकर अब भजनलाल सरकार सख्त कार्रवाई करने को उतारू है।
दरअसल, राजस्थान राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से CET यानि आयोजन सामान्य पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्रों पर कई परीक्षार्थियों की जनेऊ उतरवा (Janeu Remove) ली गई जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया है। CET परीक्षा परीक्षा का योजन शुक्रवार 27 सितंबर को किया गया था। इस दौरान जयपुर में एक अभ्यर्थी सीईटी की परीक्षा देने गया था। परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले पुलिसकर्मी जांच कर रहे थे। इस दौरान एक अभ्यर्थी जनेऊ धारण किया हुआ था। जब पुलिसकर्मियों ने उसें जनेऊ उतारने के लिए कहा तो अभ्यर्थी ने मना कर दिया। इसके बाद मामला परीक्षा केंद्र के अधीक्षक यानी स्कूल प्रिंसिपल के पास पहुंचा। प्रिंसिपल ने भी अभ्यर्थी से जनेऊ उतार कर ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश देने की बात कही। इस कारण आखिरकार अभ्यर्थी को जनेऊ उतारनी ही पड़ी।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में सीईटी परीक्षा के दौरान जनेऊ उतरवाने (Janeu Remove) की यह घटना बांसवाड़ा जिले के तलवाड़ा नवासी हरेन दवे के साथ हुई। हरेन शुक्रवार को जयपुर के टोंक फाटक स्थित महात्मा गांधी स्कूल में एग्जाम देने आया था। हरेन दूसरी पारी में होने वाली सीईटी की परीक्षा देने के लिए दोपहर 3 बजे परीक्षा केंद्र पहुंचा था। जहां पुलिसकर्मी अभ्यर्थियों की चेकिंग करते हुए प्रवेश दे रहे थे। जब हरेन की बारी आई तो पुलिसकर्मियों ने उसें जनेऊ उतारने के लिए कहा। जब हरेन ने जनेऊ उतारने से इनकार किया तो मामला स्कूल के प्रिंसिपल के पास पहुंचा। प्रिंसिपल ने भी जब हरेन से जनेऊ उतारने की बात कही तो अभ्यर्थी लिखित में देने पर अड़ गया। इसको लेक काफी देर तक विवाद हुआ। हालांकि, बाद में अभ्यर्थी को परीक्षा देने के लिए जनेऊ उतारनी ही पड़ी।
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जनेऊ उतारने वाले परीक्षार्थी हरेन का कहना है राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड की परीक्षाओं के लिए दिशा निर्देश तय किए हुए हैं। इन निर्देशों में ऐसा कोई नियम नहीं है, जिसमें जनेऊ उतारने की बात लिखी हो। इसके बावजूद भी जबरन जनेऊ उतरवाया गया। हरेन ने इस मामले की शिकायत पहले विप्र फाउंडेशन से की और फिर ऑनलाइन हेल्प लाइन के जरिए मुख्यमंत्री से शिकायत की है। अभ्यर्थी ने पुलिसकर्मियों और प्रिंसिपल के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है। उधर विप्र फाउंडेशन ने भी राज्य सरकार से इस मामले में एक्शन लेने की बात कही। यदि कार्रवाई नहीं हुई तो विप्र फाउंडेशन अब सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगा।
हालांकि, विवाद बढ़ता देख राजस्थान राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर आलोक राज ने कहा कि बोर्ड की परीक्षाओं में किसी भी तरह का लॉकेट या धातु से बने आइटम नहीं पहनने के नियम हैं। जनेऊ को लेकर अलग से कोई नियम बने हुए नहीं हैं, लेकिन अगर जनेऊ पर कोई धातु से बना आइटम बंधा हुआ हो तो उतारना जरूरी है। मेजर आलोक राज ने कहा कि जो मामला अब सामने आया है, उसकी जांच करवाई जा रही है। भविष्य में ऐसे नियम तय किए जाएंगे, जिससे विवाद की स्थिति पैदा नहीं हो। लेकिन, अभी हरेन के साथ जो उसको लेकर अब भजनलाल सरकार क्या एक्शन लेने जा रही है यह देखने लायक होगा।
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