RCA Rajasthan : राजस्थान क्रिकेट संघ की मौजूदा कार्यकारिणी को सरकार ने भंग कर दिया है। सरकार ने इसे संचालित करने के लिए एडहॉक कमेटी का गठन किया है, जिसमें विधायक जयदीप बिहाणी (MLA Jaideep Bihani) को संयोजक की भूमिका दी गई है। बिहानी और मंत्री के बेटे समेत कमेटी में 6 लोग शामिल है, जिसमें मौजूदा आरसीए कार्यवाहक अध्यक्ष धनंजय सिंह, पवन गोयल, रतन सिंह ,हरीशचंद्र सिंह, धर्मवीर सिंह का नाम शामिल किया गया है।
नई कमेटी के गठन के लिए रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव ने आदेश जारी किए हैं। ऐसे में नई कार्यकारिणी बनने तक एडहॉक कमेटी द्वारा ही आरसीए को चलाया जाएगा। आगामी 8 अप्रैल को आरसीए के चुनाव प्रस्तावित है, लेकिन अब एडहॉक कमेटी बनने के बाद चुनावों पर भी संशय खड़ा हो गया है। संभव है कि एडहॉक कमेटी लोकसभा चुनाव के बाद RCA चुनाव करवा सकती है। इससे पहले भी आरसीए चुनाव टालने का प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजा जा चुका है।
कौन हैं जयदीप बिहाणी?
जयदीप बिहाणी राजस्थान की गंगानगर विधानसभा सीट से भाजपा के मौजूदा विधायक है। उन्होंने 2023 विधानसभा चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार करुणा अशोक चांडक को हराया था। बिहानी पहले कांग्रेस में जिला कोषाध्यक्ष भी रह चुके है। 2018 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय ताल ठोकी थी, लेकिन चौथे स्थान पर रहे। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए और 2023 के विधानसभा चुनाव में टिकट लिए और जीतकर विधायक बने।
RCA ऑफिस किया गया सील
खेल परिषद ने RCA के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं और नियमों की अवहेलना का आरोप लगाया। इसके बाद 22 फरवरी को RCA ऑफिस सील कर दिया गया। 29 फरवरी, 4 मार्च, 12 मार्च और 19 मार्च को आरसीए ने अपना पक्ष सहकारिता विभाग में रखा। जिसमें कहा गया कि, वे ऑफिस सील होने की वजह से दस्तावेज जमा नहीं करवा पा रहे है। इस पर जांच अधिकारी ने 28 मार्च की तारीख दी थी। दूसरी तरफ आरसीए ने चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी। इस बीच कुछ जिला संघों के पदाधिकारियों ने मुख्य चुनाव अधिकारी के पास अपनी शिकायत दर्ज करवाई। देर रात मौजूदा कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया।
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इसलिए हुआ RCA पर एक्शन
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) पर 30 करोड़ रुपए से ज्यादा का बकाया चल रहा है। साथ ही 8 करोड़ रुपए के बिजली का बिल, नगर निगम के 98 लाख का बकाया, जिला संघों को मिलने वाली राशि और आरसीए द्वारा किए गए भुगतान में गड़बड़ी की शिकायतें मिली थी। इसकी जानकारी सरकार और सहकारिता विभाग ने आरसीए से मांगी थी, लेकिन आरसीए ने यह जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई। इसके बाद ही कार्यकारिणी भंग कर दी गई।
सत्ता परिवर्तन के बाद उठापटक
दरअसल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद आरसीए में भी उठापटक होने लगी थी। ऐसे में तत्कालीन आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत को इस्तीफ़ा देना पड़ा था। वहीं, धनंजय सिंह को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था। गौरतलब है कि, राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) का मुख्यालय जयपुर में है। यह राजस्थान राज्य में क्रिकेट की गतिविधियों का प्रबंधन करता है। 1931 में अजमेर में RCA की स्थापना हुई थी, जिसे राजपूताना क्रिकेट एसोसिएशन कहा जाता था।
वैभव गहलोत हुए थे मजबूर!
पूर्व आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत ने फरवरी 2024 में ही अपने पद से इस्तीफ़ा दिया था। वैभव तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे है, ऐसे में प्रदेश में जब उनकी सरकार थी, तो वैभव गहलोत अपने पद पर बने रहे। लेकिन जैसे ही सत्ता परिवर्तन हुआ तो, वैभव गहलोत के खिलाफ आरसीए में अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी होने लगी। इन बात की भनक लगते ही वैभव गहलोत ने खुद आगे आकर अपना इस्तीफा दे दिया। इसी के साथ उन्होंने कहा कि ‘उनसे किसी भी पदाधिकारी या सदस्य द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने की चर्चा नहीं की गई। यदि कोई असहमति थी, तो मुझे बताते, मैं खुद इस्तीफ़ा दे चुका होता।’
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पहली बार हुई प्रीमियर लीग
याद दिला दें, पिछले साल 2023 में वैभव गहलोत के कार्यकाल में ही आरसीए द्वारा पहली बार ‘राजस्थान प्रीमियर लीग’ (RPL) आयोजित की गई थी। इस लीग को प्रदेशभर से अच्छा-ख़ासा रेस्पॉन्स मिला था। आरपीएल टूर्नामेंट की वजह से राज्य की कई छिपी हुई प्रतिभाओं को राष्ट्रीय पटल पर पहचान मिली। खुद वैभव गहलोत ने इस्तीफे के वक्त कहा था कि ‘वह राजस्थान क्रिकेट और उसके खिलाड़ियों के लिए भविष्य में भी हमेशा उपलब्ध रहेंगे।’
2018 से पहले RCA का हाल
2017 में सीपी जोशी के आरसी अध्यक्ष बनने से पहले पूर्ववर्ती भाजपा की सरकार के कार्यकाल के दौरान आरसीए पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने प्रतिबंध लगा रखा था। उस समय राजस्थान में कोई भी अंतरराष्ट्रीय मैच आयोजित नहीं किये जा रहे थे। इसके बाद 2019 में वैभव गहलोत ने आरसीए की कमान संभाली। उनके प्रयासों के बाद राजस्थान में न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय आईपीएल क्रिकेट मैच हुए बल्कि प्रीमियर लीग RPL भी आयोजित हुई।