NEET UG Result 2024: नीट परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद से ही चर्चाओं का बाजार गरम है। यह परिणाम विवादों से घिरा हुआ है। तमाम खबरों और विवादों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है, जिसके बाद अधिकांश अभ्यर्थियों की टेंशन बढ़ने वाली है। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि अब रि-एग्जाम देनी होगी। दरअसल, बाजार में बीते कुछ समय से नीट परीक्षा को फिर से आयोजित करवाने को लेकर चर्चा चल रही थी, जिसके बाद आया सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बेहद अहम हो जाता है। हालांकि, कोर्ट ने छात्रों से न डरने की अपील की है और कहा है कि, सभी अभ्यर्थियों को फिर से परीक्षा नहीं देनी होगी।
अब फिर से देनी होगी परीक्षा!
छात्रों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि, NTA (National Testing Agency) ने आपकी बात को स्वीकार कर लिया है। वे ग्रेस मार्क को हटा रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिया है कि, सिर्फ 1563 छात्र ही दोबारा परीक्षा में शामिल होंगे। ये वही छात्र है जिन्हें ग्रेस मार्क्स प्राप्त हुए थे। एक दूसरा विकल्प देते हुए एनटीए ने ग्रेस मार्क्स प्राप्त करने वालों छात्रों के लिए कहा है कि, वे चाहे तो बिना ग्रेस मार्क्स की मार्कशीट लेकर नीट यूजी की काउंसलिंग में जा सकते है।
बता दें आज गुरूवार 13 जून 2024 को सुप्रीम कोर्ट में NEET परीक्षा परिणाम को लेकर सुनवाई हुई। गौरतलब है कि कोर्ट में इस परीक्षा परिणाम को लेकर कई तरह की याचिकाएं दायर की गई थी, जिसमें ग्रेस मार्क्स, री-एग्जाम और परीक्षा कैंसिल जैसी मांगे शामिल थी। आख़िरकार अंत में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि, परीक्षा रद्द नहीं होगी। काउंसलिंग जारी रहेगी। परीक्षा दोबारा करवाने का सवाल ही नहीं उठता है क्योंकि ऐसा होता है तो, सब कुछ पूरी तरह होता है।
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जानिए क्या था पूरा मामला
5 मई 2024 को देशभर में NEET परीक्षा आयोजित की गई थी। इसका परिणाम 4 जून को जारी किया गया। इसके बाद से ही विवाद गहराता चला गया। दरअसल, छात्रों ने परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए काउंसलिंग पर रोक लगाने की मांग कर डाली। उनका कहना था कि, 67 बच्चों को 720 में 720 नंबर प्राप्त हुए है और 1563 बच्चों को ग्रेस अंक दिए गए है। यह मामला तब और जोर पकड़ा जब देशभर से छात्र दिल्ली के जंतर-मंतर इकट्ठे होकर NTA के विरोध में खड़े हो गए और आंदोलन करने लगे। इनमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के बच्चों के पेरेंट्स भी भीषण गर्मी में बैठे रहे और न्याय की गुहार लगाते रहे।