विवादित फिल्म आदिपुरुष के डायलॉग का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहा है। फिल्म के आपत्तिजनक डायलॉग के मामले में लखनऊ बेंच ने बुधवार को तीसरे दिन सुनवाई की। फिल्म पर कड़ी नाराजगी जताते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि फिल्म मैकर्स ने एक धर्म विशेष की सहन शक्ति की परीक्षा क्यों ली है। ये तो अच्छा हुआ कि फिल्म में ऐसे धर्म के बारे में बात की जो कानून व्यवस्था में दिक्कत पैदा नहीं करते। अगर किसी अन्य धर्म के बारे में बात की होती तो बहुत कुछ देखने को मिल जाता।
हाईकोर्ट ने कहा कि रामायण के किरदारों की पूजा की जाती है और फिल्म में उन किरदारों का ही मजाक बना कर रख दिया। कोर्ट ने सख्ती से पेश आते हुए कहा कि ऐसी फिल्म को सेंसर बोर्ड ने पास कैसे कर दिया। फिल्म को पास कर देना एक ब्लंडर है। फिल्म मेकर्स को तो सिर्फ पैसे कमाने हैं क्योंकि पिक्चर हिट हो जाती है।
जीवन का लक्ष्य ही सलमान को मारना
फिल्म में भगवान राम, हनुमान, लक्ष्मण, सीता मां के चरित्रों को जिस तरह से दिखाया गया, उस पर भी कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की। साथ ही कहा कि एक तरफ रामायण के सभी किरदारों को फिल्म में दिखाया है और दूसरी तरफ कहते हो कि यह रामायण नहीं है।
इस फिल्म में ऐसे धर्म के बारे में बात हुई जिसने सिर्फ सिनेमा हॉल में जहां ये फिल्म चल रही थी, वहां फिल्म बंद करवा दी। अगर कुरान को लेकर कोई डॉक्यूमेंट्री भी बनाई होती तो पता चल जाता। धर्म के बारे में गलत चीजों को दर्शाने का क्या नतीजा हो सकता है। आपको कुरान, बाइबिल को भी नहीं छूना चाहिए। मैं ये क्लियर कर दूं कि किसी एक धर्म को भी टच न करिए। कोर्ट किसी धर्म को नहीं मानता। कोर्ट सभी लोगों की भावनाओं की कद्र करता है। ये सिर्फ मामले से जुड़ी मौखिक टिप्पणियां हैं।