जयपुर। Bastar The Naxal Story Review : एक बहुत ही प्रसिद्द कहावत हमारे देश में अत्यधिक प्रचलन में है कि मोदी है तो मुमकिन है। शायद यही कारण है कि हमारे देश के कुछ जागरूक व राष्ट्रवादी फ़िल्मकार देश की बड़ी से बड़ी समस्या पर निडर होकर और खुल कर बात कर रहे हैं। गहराई से शोध करके सत्य घटना पर आधारित फिल्मों का निर्माण कर रहे हैं। ऐसी कई फिल्में हाल ही में आई हैं जो देश की बड़ी समस्याओं को उजागर करती हैं।
फ़िल्म बस्तर ‘द नक्सल स्टोरी’ रिलीज़ (Bastar : The Naxal Story Movie Release)
आज 15 मार्च 2024 को आपके नज़दीकी सिनेमाघरों में विपुल अमृतलाल शाह द्वारा निर्देशित द केरला स्टोरी की अभिनेत्री अदा शर्मा द्वारा अभिनीत फ़िल्म बस्तर ‘द नक्सल स्टोरी’ रिलीज़ हो गई है। इस फ़िल्म में यह बताने का प्रयास किया गया है कि माओवाद अर्थात नक्सलवाद, ISIS और बोको हरम के बाद दुनिया का तीसरा सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन है। यशपाल शर्मा वकील के किरदार में हैं और कोर्ट के सामने नक्सलवाद की परतें खोलने का पुरज़ोर प्रयास करते हैं।
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नक्सलवादियों को शोषित बताने का पुरज़ोर प्रयास (Bastar : The Naxal Story on Naxalites)
फिल्म की शुरुआत कोर्ट रूम से होती है जहाँ नक्सलियों से लोहा लेने वाली साहसी आईपीएस अधिकारी नीरजा माधवन के ख़िलाफ़ नक्सल समर्थकों द्वारा दुनियाभर के आरोप लगाए जाने और नक्सलियों को समर्थन देने के लिए नीरजा माधवन के खिलाफ खड़ी की गई वकील की तरफ से बेतुके तर्क प्रस्तुत किए जाते हैं। वह नक्सलवादियों को शोषित बताने का पुरज़ोर प्रयास करती है, जिसमें वो कामयाब भी होती है।
नक्सलवाद का वीभत्स चेहरा देखना चाहिए (Naxals Reality)
बस्तर के ही आम जागरूक ग्रामीण लोगों द्वारा हिंसा का विरोध करते हुए क्षेत्र में शांति की स्थापना के उद्देश्य से भारत का तिरंङ्गा झंडा लगाए जाने पर उन सभी को नक्सलियों द्वारा अगवा कर लिया जाता है और उन्हें जागरूक करने वाले मिलिंद को नक्सलियों द्वारा उसके परिवार के सामने टुकड़े-टुकड़े कर दिया जाता है। इस दृश्य को तकनीक की सहायता से बहुत कुशलतापूर्वक दिखाए जाने का प्रयास है। देखने पर आपको लगेगा कि यह शूटिंग नहीं, वाकई हत्या को अंजाम दिया गया है। हालाँकि यह दृश्य दर्शकों को विचलित कर सकता है लेकिन फिल्म निर्माता व निर्देशक ने इस उद्देश्य के साथ इस दृश्य को फिल्म में दिखाया जाना ज़रूरी समझा है कि दर्शकों को नक्सलवाद का वीभत्स चेहरा देखना ही चाहिए जिससे कि वो नक्सलवाद को लेकर अपनी विचारधारा स्पष्ट कर सकें।
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सबसे विकराल समस्या सरेआम कर रही नंगा नाच (Naxal Biggest Problem)
यह सही भी है कि हमारे देश के जितने जवान युद्धों में सरहदों पर शहीद हुए हैं उससे कहीं ज़्यादा जवानों की तो नक्सलियों द्वारा हमारे देश में ही हत्या कर दी गई है और यही नक्सलवाद हमारे देश के लिए आतंकवाद के बाद एक अन्य सबसे विकराल समस्या बनकर सरेआम नंगा नाच कर रही है। यही सब इस फिल्म में दिखाने का प्रयास किया गया है।
अदा शर्मा ने निभाया दमदार किरदार (Adah Sharma Role in Bastar Movie)
इस फ़िल्म के अदालत वाले दृश्य में यह भी बताने का प्रयास किया गया है कि बहुमूल्य खनिज आदि की तस्करी करने वालों की तरफ से उन स्थानों को नक्सलवाद पनपा कर कब्जाया गया है जहाँ ये महंगे खनिज आदि बहुतायत में पाए जाते हैं। आईपीएस अधिकारी IG के किरदार में अदा शर्मा ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वो किसी भी तरह की चुनौती के लिए हमेशा तैयार रहती हैं। फिल्म में विचलित करने वाले दृश्यों पर गौर न किया जाए फिल्म एक जानकारी प्रसारित करने का माध्यम भर है।