TV Hanuman Dara Singh Fitness Plan: भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बीच देश-विदेश से कई मेहमान अयोध्या पहुंचे। इस लिस्ट में धारावाहिक रामायण में श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता का किरदार निभाने वाले कलाकार क्रमशः अरुण गोविल, सुनील लहरी और दीपिका चिखलिया का नाम भी शामिल है। इन सबमें अयोध्या की जनता ने जिसे सबसे अधिक मिस किया, वो हैं दारा सिंह यानी कि रील लाइफ हनुमान जी। अभिनेता दारा सिंह ने रामायण में रामभक्त हनुमान जी का किरदार जीवंत कर दिया। दारा सिंह भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके द्वारा निभाया गया हनुमान जी का किरदार हमेशा के लिए अमर हो चुका हैं। जब भी हनुमान जी की चर्चा होती है तो दारा सिंह का चेहरा ही आंखों में छा जाता हैं। चलिए पढ़ते हैं उनके बारे में कुछ ख़ास –
पूरे रेसलिंग करियर में रहे अपराजित
दारा सिंह एक मंझे हुए अभिनेता होने के साथ-साथ बेहतरीन पहलवान भी थे। दिवंगत पहलवान दारा सिंह का शरीर महाबली जैसा था। इसी कारण उन्हें जनता ने महाबली हनुमान के किरदार में काफी ज्यादा पसंद भी किया। दारा सिंह ने लगभग 55 वर्षों के रेसलिंग करियर में पांच सौ से अधिक फाइट लड़ी।
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200 किलो के किंगकांग को चटाई धूल
उन्होंने अपने पूरे रेसलिंग करियर में हार का मुंह नहीं देखा। दारा सिंह के करियर का अंतिम मुकाबला काफी रोचक और यादगार रहा, जिसमें उन्होंने खुद से 70 किलो वजनी पहलवान किंगकांग के साथ फाइट की। उस वक्त दारा सिंह 130 किलो और किंगकांग पूरे 200 किलो के थे। 60 के दशक के उस मुकाबले का टिकट 30 रुपये का बिका था, जो उस समय की काफी बड़ी रकम भी थी। लेकिन लोगों ने टिकट खरीदा भी और मुकाबला देखा भी। यह मुकाबला रांची के अब्दुल बारी पार्क में हुआ था। इस मुकाबले में 130 किलो के दारा सिंह ने 200 किलो के किंगकोंग के खिलाफ काला-पंजा दांव लगा उसे चित कर दिया। दारा सिंह ने उसे रिंग के बाहर उठाकर पटक दिया। इसके बाद दारा सिंह को ‘रुस्तम-ए-हिन्द’ की उपाधि से नवाजा गया।
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दारा सिंह के हेल्दी जीवन पर
दारा सिंह में सुबह के नाश्ते को हमेशा नजरअंदाज किया करते थे। वह सिर्फ लंच और डिनर किया करते थे। खुद को फिट रखने के लिए दारा प्रतिदिन दस सिल्वर के वर्क के साथ 8 रोटी एक समय के अंदर खा लिया करते थे। इसके साथ ही वह रोजाना दो लीटर दूध और आधा किलो मीट, 100 ग्राम बादाम, मुरब्बा, घी और ठंडाई का सेवन करते थे। शरीर से सारे टॉक्सिन्स निकालने और मेटाबोलिज्म दुरुस्त करने के लिए वह हफ्ते में एक दिन उपवास करते थे।