Kalki 2898 AD Movie : प्रभास और दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। इस फिल्म को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है। इस मूवी में अमिताभ बच्चन और कमल हासन ने भी अभिनय किया है। हालांकि, यह मूवी हिंदू धर्म के अनुसार होने वाले कल्कि अवतार से संबंधित है। ऐसे में यदि आपका भी कल्कि मूवी देखने के बाद भगवान कल्कि मंदिर के दर्शन करने की इच्छा होती है तो इसका उत्तर जयपुर है। जी हां, राजस्थान की राजधानी जयपुर में बसावट के समय से भगवान कल्कि मंदिर स्थापित है।
जयपुर में स्थित है भगवान कल्कि मंदिर
पिंक सिटी में भगवान कल्कि मंदिर (Kalki Temple Jaipur) का निर्माण महाराजा जयसिंह ने करवाया था। फिलहाल इस मंदिर के महंत कृष्ण मुरारी शर्मा हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि कल्कि भगवान विष्णु के अवतार है। यह मंदिर 300 साल पुराना है जहां भगवान कल्कि के साथ माता लक्ष्मी भी विराजमान है। यहां पर एक पत्थर का अश्व भी विराजमान है जिसको लेकर कहा जाता है कि कल्कि मंदिर बना था तभी से अश्व के पैर में घाव है जो धीरे-धीरे भर रहा है और जिस दिन यह घाव पूरी तरह भर जाएगा, उसी दिन भगवान कल्कि अवतार ले लेंगे और फिर धरती से पाप का नाश होगा।
ऐस ही है कल्कि अवतार की कहानी
कल्कि पुराण (Kalki Puran) के अनुसार भगवान कल्कि के पिता का नाम विष्णु यश और माता का नाम सोमवती होगा। उनके तीन और सगे भाई होंगे। उनका विवाह माता वैष्णो से होगा। यह भी उल्लेख है कि जब भगवान विष्णु ने राम अवतार लिया था और वो लंका की ओर जा रहे थे तब मां वैष्णो देवी उन्हें रास्ते में मिली थी और विवाह की इच्छा जाहिर की थी। उस समय भगवान राम ने कहा कि देवी अभी तो मैं लंका जा रहा हूं और वहां वापस लौटते समय यदि आप मुझे पहचान लेंगी तो मैं आपसे विवाह कर लूंगा। लंका से वापस लौटने के बाद भगवान राम ऋषि आश्रम गए भी थे, परंतु मां वैष्णो ने उनको नहीं पहचाना। हालांकि, श्रीराम ने मर्यादा का उल्लंघन भी नहीं किया और कहा कि देवी में कलयुग में मैं कल्कि रूप में अवतार (Kalki Avtar) लूंगा तब आपसे विवाह करूंगा।
जयपुर में भगवान कल्कि मंदिर में ऐसी है मूर्ती
जयपुर के महाराजा जयसिंह भगवान विष्णु के भक्त थे और उन्होंने ही यहां हवामहल रोड़ पर भगवान कल्कि का मंदिर बनवाया था जिसमें 300 साल से भगवान कल्कि मां लक्ष्मी के साथ विराजमान है। इस मंदिर में लड्डू गोपाल, नारदमुनि, ब्रह्मजी और शिव-पार्वती की मूर्तियां भी हैं। भगवान की मूर्ती ताम्र धातु और माता लक्ष्मी की मूर्ति अष्टधातु से बनी है। ये दोनों ही मूर्तियां सिंहासन पर बैठी अवस्था में विराजमान हैं।