आज मेरे पास गाड़ी है, बंगला है, बैंक बैलेंस है, नौकर चाकर है, क्या है तुम्हारे पास, मेरे पास मां है। मशहूर हिंदी फिल्म दीवार का यह डायलोग लिखने वाले सुप्रसिद्ध गीतकार और शायर जावेद अख़्तर साहब किसी परिचय के मोहताज नहीं है। बॉलीवुड में अपने बेबाक बयानों और सुरीले गीतों के लिए मशहूर जावेद साहब आज अपना 79वा जन्मदिन मना रहे है। लेकिन यह कामयाबी एक दिन में नहीं मिली है। सलमान खान के पिता और सुप्रसिद्ध पटकथा लेखक सलीम के साथ एक से बढ़कर एक फिल्में लिखने वाले जावेद अख़्तर अपने तल्ख़ मिज़ाज और लाजवाब साहित्यिक शैली के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते है।
यह भी पढ़ें:A R Rahman के संघर्ष की दास्तां सुन पिघल जाएगा मन! पढ़े जीवन सफर
खुद के लिखे गाने की खिल्ली उड़ाई
जावेद साहब एक दिलचस्प किस्सा सुनाते है कि जब उन्होंने शाहरुख़ ख़ान की फिल्म ओम शांति ओम का गाना दर्दे डिस्को लिखा था तो यह उन्हें कतई भी पसंद नहीं आया। लेकिन फिल्म की निर्देशक फराह खान को ऐसा ही गाना चाहिए था जिसमें बेतुके बोल हो लेकिन ज़िद से भरे हो। जावेद साहब आज भी अपने लिखे इस गाने की खिल्ली उड़ाते है। शायद ही कोई ऐसा कलाकार होगा जो अपनी कला की इतनी आलोचना कर सके। जावेद साहब अक्सर सामाजिक कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है, लेकिन जहां उन्हें कुछ गलत लगता है तो फौरन टोक देते है।
यह भी पढ़ें:Amitabh Bachchan ने खरीदा अयोध्या में घर, सामने से होंगे RAM के दर्शन
सेक्यूलर विचारधारा और बेबाक बयानों के लिए मशहूर है
ग्वालियर के मशहूर शायर जां निसार अख़्तर के घर के इस रौशन चिराग ने हिंदी उर्दू ज़ुबान को एक नया फ्लेवर दिया। बचपन से शायराना माहौल में पले बढ़े जावेद अख़्तर की परवरिश गंगा जमुनी तहज़ीब में हुई। तभी तो वह सेक्यूलर विचारधारा उनके किरदार से झलकती है। जावेद साहब अपने बेबाक बयानों के लिए भी जाने जाते है। हाल ही में रणबीर कपूर की सुपरहिट फिल्म एनीमल की आलोचना करके वह सुर्खियों में आ गए। इतना ही नहीं वह अक्सर आजकल के फूहड़ गानों और डायलोग पर भी तंज कसते हुए नज़र आते है। हालांकि कई बार उनकी यह साफगोई भारी भी पड़ जाती है। लेकिन कलम के सिपाही को भला किसका डर। जावेद साहब का ताज़ा लिखा गीत शाहरुख़ खान की फिल्म डंकी का गाना निकले थे हम घर से कभी इन दिनों काफी छाया हुआ है। इसके अलावा रिफ्यूजी फिल्म का गीत पंछी नदियां पवन के झोंके सुनकर तो दिल का परिंदा उड़ने लगता है। वाकई हिंदी गीतकारों की सूची में इस अनोखे शायर का नाम सुनहरे हर्फ़ों में लिखा जा चुका है। ऐसे लाजवाब गीतकार को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें इस शेर के साथ
"मुझको भी पता नहीं कहां तक है हद मेरी
जो नामुमकिन लगे है, वही तो है ज़िद मेरी"
जयपुर। अक्सर देखा जाता है कि किसान भाईयों के पास मोबाइल फोन बहुत जल्दी खराब…
India is known for handmade crafts. Our artisans make beautiful items with their hands, keeping…
In today’s time, everyone wants to do their own business. But the biggest problem is…
World Health Day : विश्व स्वास्थ्य दिवस हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है…
टोंक। विगत तीन वर्षों से अपने शैक्षणिक नवाचारों से चर्चित राहोली के पीएमश्री राजकीय उच्च…
जयपुर। हाल ही में समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के द्वारा दिए गए विवादित…