जयपुर। Saudi Arabia Remove Quran Verses : दुनिया के सबसे प्रसिद्ध मुस्लिम देश सऊदी अरब ने पूरी दुनिया के मुस्लिमों से पंगा ले लिया है। दरअसल, सऊदी अरब ने कुरान की कुछ आयतों को हटा दिया (Quran Verses Remove) है जिसका जबरदस्त विरोध किया जा रहा है। सऊदी पर आरोप है कि ये उसने आयतें इरायली तुष्टिकरण के चलते हटाई है जिसका अब हूती संगठन से खुलकर विरोध दर्ज किया है। हूती संगठन से सऊदी अरब पर यह हमला तब बोला है जब इजरायल और ईरान के बीच जबरदस्त तनाव जारी है।
सऊदी अरब ने हटाई कुरान की आयतें
यमन के हूती नेता अब्दुल मलिक अल-हूती ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सऊदी अरब की कोशिश यहूदियों के तुष्टिकरण और इजरायल को खुश करने की है। इसके लिए उसने कुरान के कुछ हिस्से सिलेबस (Quran Verses Remove From Syllabus) से हटाए हैं। अब्दुल मलिक का कहना है कि सऊदी अरब चाहता है कि इजरायल से उसके रिश्ते सामान्य रहे हैं और उसके साथ बिजनेस करे। सऊदी ने इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने हेतु कुरान से कुछ आयतें पाठ्यक्रम से हटाई हैं।
सऊदी अरब ने हटाई कुरान की ये आयतें
ईरान की इस्लामिक रिपब्लिक न्यूज एजेंसी का कहना है कि अब्दुल मलिक अल-हूती ने हाल ही में दिए अपने बयान में कहा, हाउस ऑफ सऊद ने यहूदियों की नाराजगी से बचने के लिए पाठ्यपुस्तकों से कुरान की आयतों को हटाया है। ये वो आयते हैं जो यहूदियों द्वारा किए गए अपराधों के बारे में बताती हैं।
UAE भी सऊदी अरब के साथ
अल-हौथी ने यहां तक कहा है कि UAE यानि संयुक्त अरब अमीरात भी सऊदी का साथ दे रहा है और ऐसा ही कर रहा है। ये दोनों देश मिलकर एक ऐसी पीढ़ी तैयार कर रहे हैं जो इजरायल के लिए दोस्ती का भाव रखती हो। इस हेतु पाठ्यपुस्तकों में यहूदियों के पक्ष में चीजें शामिल की जा रही है। यह कार्य सऊदी अरब की इजरायली शासन के साथ अपने संबंधों को सामान्य बनाने की योजना के तहत उठाया जा रहा है। यमन के अधिकारियों का कहना है कि सऊदी शासन ने शैक्षिक कार्यक्रमों से भविष्यवाणी परंपराओं को पूरी तरह या आंशिक रूप से हटा दिया है। अब आने वाली पीढ़ियां इस इतिहास को नहीं जान पाएंगी, जो कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक बड़ा अन्याय होगा।
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UAE और सउदी अरब और ने बिगाड़ा ईरान का खेल
आपको बता दें कि इस समय हूती विद्रोही यमन के बड़े हिस्से पर शासन कर रहे हैं और इजरायल पर काफी आक्रामक हैं। हूती लाल सागर में इजरायल के जहाजों को निशाना बनाकर लगातार इजरायल और अमेरिका के लिए मुश्किल खड़ी की हैं। गौरतलब है कि हूतियों ने गाजा में खुलकर हमास का समर्थन किया है उनकी सऊदी से नाराजगी हमास के साथ खुलकर खड़े नहीं होने को लेकर है।