Robot Makdi vs Original Makdi: दुनिया AI अर्ताथ रोबोटिक्स (Artificial intelligence) की तरफ तेजी से दौड़ लगा रही है। दुनियाभर के तमाम वैज्ञानिक और टेक जगत की कंपनियां AI Products बनाने में लगी है। लेकिन इन सब के बीच जिस बात का डर लोगों में लगातार फ़ैल रहा है, वो है ” क्या रोबोट की तकनीक प्राकृतिक चीजों पर हावी हो सकती है? ” इसी बात को जांचने के लिए वैज्ञानिकों ने एक शोध किया है, जिसका परिणाम चौंकाने वाला रहा । यह शोध संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के इंजीनियरों की एक टीम ने किया हैं। इसमें रोबोटिक्स मकड़ी और असली मकड़ी की फाइट करवाई गई।
शोधकर्ताओं ने जब रोबोटिक्स मकड़ी और असली मकड़ी की फाइट करवाई तो उनके सामने चौंकाने वाले परिणाम सामने आये। शोध में असली मकड़ी ने रोबोट मकड़ी को परास्त कर दिया। इससे पता चला कि भले ही AI Engineering कितनी भी आगे बढ़ गई है, लेकिन आज भी प्राकृतिक जीव रोबोट से आगे है। इस शोध के बाद कहा जा सकता है कि, रोबोटिक घटकों की एकता आज भी प्राकृतिक जीवों की एकजुटता के सामने फीकी ही साबित होती है।
यह भी पढ़े: Break Fail पर भी नहीं होगा Accident, ये तरीका खाई में कूदने से बचा लेगा
रोबोट वर्सेज जैविक
रोबोट मकड़ी और असली मकड़ी के बीच इस शोध युद्ध से स्पष्ट हुआ कि, रोबोट की शक्ति और क्रियाकलाप जैसी चीजें उनके समकक्ष जैविक तत्वों से समानता रख सकती है, लेकिन उनसे अधिक होना संभव नहीं हैं। वैज्ञानिक कहते है जब जैविक तत्व इकट्ठे होते है तो रोबोट अच्छा परफॉर्म नहीं करते है।
AI Technology से जुड़ी ख़बरों के लिए हमारे WhatsApp Channel को फॉलो करें
भविष्य की दिखी राह
वैज्ञानिकों का यह शोध बताता है कि,भेड़िया मकड़ियों और तिलचट्टे जैसे जानवर अपनी एकता और बहुमुखी जैविक प्रणालियों की वजह से कठिन से कठिन परिस्तिथि में भी सफल रहते है। इस शोध के बाद भविष्य की इंजीनियरिंग को एक नई दिशा मिलती दिखाई दे रही है। यह शोध वैज्ञानिकों को रोबोट के डिज़ाइन और उसके फीचर्स को और अधिक मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित करता है। खैर आने वाले समय बताएगा कि, आगे AI क्या गुल खिलाता है।