आज के समय में Scammers द्वारा ऑनलाइन ठगी करने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। स्कैमर्स कभी सेक्सटॉर्शन, कभी वर्क फ्रॉम होम के साथ ही दूसरे तरीकों से लोगों से ठगी कर रहे हैं। आपको बता दें कि कुछ Scammers ऐसे भी हैं जिनके पास आपका अच्छा-खासा डेटा मौजूद होता है। इसका मतलब उनको यूजर का नाम, पता और दूसरी डिटेल्स सबकुछ पता होती हैं। इन्हीं डिटेल्स के आधार पर कई तरह से ठगी करते हैं। ऐसे में आई जानते हैं ये सबकुछ होता कैसे है—
स्कैमर्स लोगों को फोन करके बोलते हैं आपके आधार कार्ड की डिटेल्स के साथ एक पार्सल पकड़ा गया है जिसको अवैध तरीके से विदेश भेजा जा रहा था। वो शख्स किसी अधिकारी के नाम से यूजर को धमकाने लगता है। ये लोग कानूनी कार्रवाई तक की धमकी तक देते हैं। इसके बाद यूजर को किसी सीनियर से बातचीत भी करवाते हैं। इन सबका उद्देश्य यूजर को डरा धमाका कर पैसे ऐंठना होता है। स्कैमर्स आपसे खुद अपना आधार नंबर, पैन नंबर आदि पता कर लेते हैं।
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स्कैमर्स डार्क वेब पर यूजर्स के डेटा को बेचते हैं। यह डेटा किसी भी प्लेटफॉर्म से लीक किया जा सकता है। इस डेटा में यूजर्स की लगभग सभी तरह की जानकारियां होती हैं। इसमें यूजर्स के फोन नंबर, आधार कार्ड नंबर, पता व दूसरी डिटेल्स होती हैं। इन डिटेल्स के आधार पर स्कैमर्स असली सरकारी अधिकारी की तरह बात करते हैं और धमकाते हैं।
इसमें Scammers यूजर्स को एसएमएस या ईमेल भेजकर फिशिंग लिंक भेजते हैं। यूजर जैसे ही इन लिंक्स पर क्लिक करता है, तो ये किसी फेक वेबसाइट पर रिडायरेक्ट हो जाते हैं। यहीं पर से स्कैमर्स यूजर्स की तमाम डिटेल्स चुरा लेते हैं। इतना ही नहीं स्कैमर्स इन लिंक्स के जरिए कोई स्पाईवेयर यूजर के मोबाइल फोन में इंस्टॉल कर सकता है। इसके अलावा यदि यूजर कोई फेक वेबसाइट पर विजिट करते हैं, तो वहां से भी उसकी डिटेल्स चुरा लेते हैं। आपको बता दें कि ये वेबसाइट्स दिखने में बिलकुल असली जैसी दिखती है लेकिन लेकिन इनका काम यूजर्स का डेटा चोरी करना होता है।
यूजर्स का डेटा प्राप्त करने के लिए स्कैमर्स कई बार किसी बैंक कर्मचारी या फिर किसी दूसरी सर्विस के एक्जीक्यूटिव बनकर फोन कॉल करते हैं। इसके बाद स्कैमर्स यूजर्स को अपनी बातों में फंसाकर उनकी सारी डिटेल्स हासिल करते हैं।
आज के समय में लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी फोटोज और वीडियोज शेयर करते हैं। इन फोटो और वीडियो की सहायता से स्कैमर्स यूजर्स की तमाम डिटेल्स चुरा लेते हैं। जैसे की आपका जन्मदिन कब है, आपकी उम्र क्या है और आप रहते कहां पर हैं।
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यदि आपकी पर्सनल डिटेल्स किसी डेटा लीक का शिकार हुई हैं, स्कैमर के पास आपकी सभी जानकारी हो सकती है। इसी वजह से ध्यान रखें की 2 से 3 महीने के अंतराल पर अपने पासवर्ड्स बदलते रहें। साथ ही सोशल मीडिया पर फोटोज और दूसरी डिटेल्स शेयर करते हुए थोड़ी सावधानी बरतें। जैसे जन्मदिन की तारीख। ऐसी जानकारियों को पब्लिक नहीं करें।
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