प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना डिजिटल इंडिया पूरा होते नजर आ रहा है। देश में सूचना क्रांति ने जबरदस्त बदलाव किया है। आज हम सूई से लेकर बड़ी-बड़ी मशीने घर बैठे मंगा सकते हैं। हमारे हाथ में जो मोबाइल होता है, उसके जरिए हम पूरी दुनिया घूम लेते हैं। अगर हम कहीं बाहर जाते हैं तो सबसे पहले फोन देखते हैं कि वह छूट ना जाएं। हमारी पूरी जिंदगी एक छोटे से मोबाइल फोन में सेव है। हर वो चीज जो हमारे लिए जरूरी है हम फोन में सेव कर लेते हैं कि यहां पर हमारा सारा डेटा सुरक्षित है। लेकिन अब उस पर खतरा मंडराने लगा है। दुश्मन इस पर नजर बनाए हुए हैं। जैसे ही उन्हें मौका मिलता है वो फोन का सारा डेटा चुरा लेते हैं और उसका मिसयूज करते हैं। आखिरकार दुश्मन ऐसा करने में कैसे सफल हो जाता है। जानतें है इस बारे में-
डेटा लीक होने के कारण
इंटरनेट पर मौजूद डाटा किसी भी तरीके से लीक हो सकता है। कई बार हैकर्स अटैक कर डेटा चुरा लेते हैं तो कई बार कंपनियां यूजर का डेटा सेव करने में लापरवाही बरतती है। इसका नुकसान यूजर को होता है। इसके साथ ही फिजिकल या रिमोट एक्सेस से डेटा चोरी हो सकता है। साथ ही डार्क वेब पर डेटा की बिक्री भी होती है। इन सभी कारणों के चलते डेटा कभी भी लीक हो सकता है।
सुरक्षित रखने के उपाय
डेटा लीक होने के बाद हमारे हाथ में कुछ नहीं होता। हमें पहले से ही सावधान रहकर अपना डेटा सुरक्षित रखना होगा। जब भी हम शॉपिंग करें तो अपना डेटा लोगों के साथ कभी भी शेयर नहीं करे। ऑनलाइन कॉल और मैसेज का जवाब नहीं दें। आजकल एक नया ट्रेंड चल रहा है। मैसेज में लिंक भेजा जाता है और उसे ऑपन करने के लिए कहा जाता है। जैसे ही उस लिंक पर क्लिक करते हैं हमारा सारा डेटा हैकर्स के पास चला जाता है। इसलिए कभी भी ऐसे लिंक पर क्लिक ना करें। इसके बाद भी अगर फोन के साथ कुछ गड़बड़ होती है तुरंत साइबर क्राइम से संपर्क करना चाहिए।