जयपुर। आज के समय में UPI एक पॉपुलर ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म बन चुका है, लेकिन पिछले कुछ समय से ऑनलाइन पेमेंट पर चार्ज लगाने की बात की जा रही है….और भारत में UPI पेमेंट के लिए सबसे ज्यादा गूगल पे और फोनपे ऐप का ही यूज किया जाता है….. ऐसे में यदि अब UPI पेमेंट पर चार्ज लगता है तो फोनपे और गूगल पे करने पर आपको एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा…. अब सोचने वाली बात ये है कि यदि UPI पेमेंट पर चार्ज लगता है तो आगे क्या होगा? इसी बात को लेकर एक सर्वे किया गया है, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है और जो इन एप्स पर भारी पड़ सकता है। तो आइए जानते हैं कि इन एप्स द्वारा पेमेंट चार्ज लेने पर क्या होगा।
इस सर्वे के अनुसार यदि भारत में UPI पेमेंट पर चार्ज लगता है तो लगभग 75 प्रतिशत लोग यूपीआई पेमेंट करना छोड़ देंगे। आपको बता दें कि यह सर्वे लोकल सर्किल की ओर से किया गया है जो इन पेमेंट एप्स के कान खड़े करने वाला है। लोकल सर्किल की तरफ से यह सर्वे 6 माह में करीब 44000 लोगों पर देश के 325 जिलों में किया गया है। इस सर्वे में शामिल सिर्फ 22 फीसदी लोगों का कहना है कि वो एक्स्ट्रा चार्ज देने बावजूद यूपीआई पेमेंट का यूज करेंगे।
भारत में मौजूद कई पॉपुलर पेमेंट एप्स द्वारा सरकार से UPI पेमेंट पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानि MDR वसूलने कहा गया है…. इसी को दूसरे शब्दों में कहें, तो जैसे डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से पैसे लिये जाने पर कारोबारियों से चार्ज वसूला जाता है वो ही चार्ज कारोबारियों द्वारा ग्राहकों पर डाल दिया जाता है। इसी तरह यदि यूपीआई पेमेंट पर चार्ज वसूला जाता हैं, तो कारोबारी इसका बोझ ग्राहकों पर डाल सकते हैं…जो उन पर भारी पड़ने वाला है।
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UPI पेमेंट एप्स द्वारा ली जाने वाली मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी MDR एक फीस है, जिसे मर्चेंट और बिजनेस ओनर से डिजिटल मोड से पैसे वसूलने पर चार्ज किया जाता है। इतना ही नहीं बल्कि अमेजन की तरफ से भी यूपीआई पेमेंट पर MDR चार्ज वसूलने बात कही जा चुकी है।
आपको बता दें कि भारत में जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी और स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या बढ़ी है… वैसे ही डिजिटल पेमेंट की संख्या में भी जबरदस्त रूप से इजाफा हुआ है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI की तरफ से हाल ही में इंटरचेंज रेट्स का ऐलान किया गया है…. जो मर्चेंट डिस्काउंट रेट की तरह ही है। इसको यूपीआई क्रेडिट लिंक लिंक पर लगाया जाता है जो अब 16 अक्टूबर से लागू हो रहा है।
लोकलसर्किल के सर्वे अनुसार 38 फीसदी लोगों का कहना है कि उनकी तरफ से कुल खर्च का करीब 50 फीसदी तक यूपीआई पेमेंट किया जाता है। सच तो ये है कि यूपीआई भारत में अब एक पॉपुलर ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म बन चुका है जिसके चलते 10 में से करीब 4 लोग यूपीआई पेमेंट कर रहे हैं। ऐसे में यदि यूपीआई पेमेंट एप्स द्वारा एमडीआर चार्ज लिया जाता है तो जिन 75 प्रतिशत लोगों ने यूपीआई पेमेंट करना छोड़ने की बात कही है और यदि ऐसा होता है तो इन एप्स को भारत में अपनी बोरियां बिस्तर समेटनी पड़ सकती है। हालांकि, यह मामला अब 16 अक्टूबर को ही साफ होगा कि ये पेमेंट कंपनियां लोगों की चेतावनी के आगे झुकती है या नहीं।
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