Categories: गैजेट

फिंगरप्रिंट-फेस अनलॉक भूल जाओ, अब सांस लेने से अनलॉक होंगे स्मार्टफोन

इंसानी दिमाग कुदरत का एक ऐसा नायाब नमूना है जिसकी होड़ कोई मशीन नहीं कर सकती है। तभी तो अपने सुपर कंप्यूटर से भी तेज दिमाग, और साइंस टेक्नोलॉजी की मदद से मनुष्य ने ऐसे ऐसे गैजेट्स और तकनीक ईजाद कर ली है जिनकी कल्पना अब से पहले कोई भी नहीं करता था। अब तक आपने अपने स्मार्टफोन में फेस लॉक या फिंगर प्रिंट लॉक ही देखा होगा। जब फेस अनलॉक और फिंगरप्रिंट जैसे फीचर्स आए तो दावा किया गया कि इनका कोई तोड़ नहीं है, लेकिन वक्त के साथ इनका तोड़ भी मिल गया। किसी ने फोटो दिखाकर फोन को अनलॉक किया तो किसी ने सोते हुए यूजर्स के फिंगर से फोन को अनलॉक कर लिया। लेकिन अब एक नई तकनीक आने वाली है। जिसके बारे में सुनकर ही आप चौंक जाएंगे। इस अनोखी तकनीक में आपकी सांसों से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लॉक या अनलॉक की जा सकेगी। यानी एक फूंक मारते ही खुल जा सिम सिम हो जाएगा।

यह भी पढ़े:डीपफेक वीडियो बनाने वालों का होगा बुरा अंजाम, भारत सरकार बदलेगी आईटी नियम

यह अनोखी टेक्नोलॉजी है क्या आखिर

इस नई तकनीक का बड़ा फायदा यह होगा कि इस फीचर के बाद मुर्दा इंसान के स्मार्टफोन या किसी और डिवाइस को अनलॉक नहीं किया जा सकेगा, जैसा कि फिंगरप्रिंट या फेस रिकोगनिशन के मामले में मुमकिन था। आपको यह जानकर ताज्जुब और गर्व दोनों होगा कि यह करिश्मा एक भारतीय संस्थान ने किया है। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी चेन्नई के महेश पंचाग्नुला और उनकी टीम ने अपने रिसर्च में यह दावा किया है। टीम ने बताया है कि यह प्रयोग एयर प्रेशर सेंसर के लिए जुटाए गए ब्रिदिंग डाटा के साथ किया गया है। हालांकि इस खोजी टीम का मुख्य लक्ष्य इस डाटा की मदद से सिर्फ एक एआई मॉडल तैयार करना था। लेकिन बाद में पता चला कि यह तो लॉक तकनीक के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है।

यह भी पढ़े:सिक्के जितनी छोटी बैटरी, बिना चार्ज किए 50 साल तक देगी पावर

कैसे काम करता है यह फीचर

रिसर्च टीम की माने तो यह एआई मॉडल एक बार किसी की सांस के डाटा को एनालाइज कर लेता है, तो 97 प्रतिशत सटीकता के साथ रिजल्ट दे सकता है कि जिस व्यक्ति के सांस को उसने एनालाइज किया है वह उस व्यक्ति की है या नहीं। यानी इसके सफल होने की गारंटी 97 परसेंट है। रिसर्च टीम के अनुसार यह एआई मॉडल मनुष्य की नाक, मुंह, गले से सांस अंदर जाते हुए जो टर्ब्युलेंस पैदा होता है उसके पैटर्न को यह बहुत अच्छी तरह से पहचान सकता है। सभी लोगों के सांस लेने का टर्ब्युलेंस अलग-अलग होता है। इसी आधार पर यह काम करता है। यानी आने वाले दिनों में आप अपनी सांसों के जरिये अपने स्मार्टफोन को लॉक या अनलॉक कर सकेंगे। वाकई में विज्ञान वो सब कुछ संभव कर रहा है जिसकी कभी कपोल कल्पना ही की जाती थी।

Narendra Singh

Recent Posts

सुबोध महिला महाविद्यालय में हुआ हिंदी पखवाड़ा समारोह का आयोजन

Subodh girls college hindi pakhwada: सुबोध पी.जी. महिला महाविद्यालय में हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत कार्यक्रम…

13 घंटे ago

ECGC में ग्रेजुएट्स के लिए निकली भर्ती, भारत सरकार देगी नौकरी

ECGC PO Recruitment 2024: भारत सरकार की ओर से ईसीजीसी में पीओ की भर्तियां निकाली…

13 घंटे ago

फंगस और रंगों का तड़का, वीनस इंडियन ढाबा एंड रेस्टोरेंट में खाना खतरनाक

Food Safety Department Raid: चटख लाल तड़के वाली मलाई कोफ्ता हो या कोई और रेस्टोरेंट…

14 घंटे ago

राजस्थान में लगे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे, भीलवाड़ा में बिगड़ा माहौल

Pakistan zindabad in bhilwara Rajasthan: राजस्थान में आपत्तिजनक नारों से एक बार फिर माहौल बिगड़…

16 घंटे ago

SDM Priyanka Bishnoi की मौत की गहरी साजिश से उठा पर्दा, बिश्नोई समाज में आक्रोश

SDM Priyanka Bishnoi Death : राजस्थान की मशहूर RAS अधिकारी SDM प्रियंका बिश्नोई जिंदगी की…

16 घंटे ago

अशोक गहलोत से मेवाराम जैन की मुलाकात पर मचा बवाल! Ashok Gehlot | Mewaram Jain | Amin Khan | Harish Choudhary

Mewaram Jain meets Ashok Gehlot : जयपुर। सीडी कांड के बाद मुंह छिपाने को मजबूर…

16 घंटे ago