10 Ramadan Dua: रमजान का माहे मुबारक चल रहा है। आज भारत में 21 मार्च को दसवां रोजा रखा गया है। हम आपको दसवें रमजान की एक खास दुआ (10 Ramadan Dua) बताने वाले हैं। इस दुआ को आप 10 रमजान के दिन (10 Ramadan Dua) 21 मार्च 2024 को पढ़कर अल्लाह से मगफिरत हासिल कर सकते हैं। नमाज के बाद ये मखसूस दुआ आपको अव्वल आखिर दुरूद शरीफ के साथ 41 मर्तबा पढ़नी है। ध्यान रहे कि पढ़ने के दौरान किसी से बात नहीं करें। इस अमल से आपके घर में खैर और बरकत नाजिल होगी। शैतान घर से दूर रहेगा। साथ ही बुजुर्ग बंदों की सेहत में सुधार होगा। आपस में रिश्तों में मिठास बढ़ेगी। ये दुआ पैगंबरे इस्लाम ने की थी जब उन्हें मक्का से हिजरत करके मदीना जाना पड़ा था। कुरान शरीफ की सूरह अल इसरा की आयत नंबर 17:80 में ये दुआ है।
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दसवें रमजान की दुआ
(10 Ramadan Dua)
رَّبِّ أَدْخِلْنِي مُدْخَلَ صِدْقٍ وَأَخْرِجْنِي مُخْرَجَ صِدْقٍ وَاجْعَل لِّي مِن لَّدُنكَ سُلْطَانًا نَّصِيرًا
ऐ मेरे परवरदिगार मुझे (जहाँ) पहुँचा अच्छी तरह पहुँचा और मुझे (जहाँ से निकाल) तो अच्छी तरह निकाल और मुझे ख़ास अपनी बारगाह से एक हुकूमत अता फरमा जिस से (हर क़िस्म की) मदद पहुँचे
O Lord, cause me to enter a goodly entrance and cause me to exit a goodly exit, and grant me from Yourself a supporting authority.
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दसवें रमजान को क्या है खास?
दसवें रमजान के बाद पहला अशरा खत्म हो जाता है, और दूसरा अशरा मगफिरत का शुरु हो जाता है। कहा जाता है कि ग्यारहवें रमजान से लेकर बीस रमजान की शाम तक मोमिनों की मगफिरत की जाती है। सच्चे दिल से अगर कोई बंदा रमजान के दूसरे अशरे में तौबा इस्तगफार कर ले तो उसकी मगफिरत हो जाती है। मतलब गुनाहों से माफी मिल जाती है।
दूसरा अशरा क्या है?
अशरा मतलब दस दिनों का समूह। रमजान को तीन अशरों में बांटा गया है। पहला अशरा 1 से 10 रमजान तक रहता है, जिसे रहमत का अशरा कहा जाता है। वही दूसरा अशरा मगफिरत का होता है। जो कि 11 रमजान से 20 तक रहेगा। इसके बाद तीसरा और आखिरी अशरा आएगा। 21 से 30 रमजान तक का अशरा जहन्नम की आग से आजादी का होता है।