11 Ramadan Dua: मुस्लिम बंधुओं के लिए ये समय इबादत और तिलावत में मसरूफ रहने का है। माहे मुबारक रमज़ान की नेकियों का बयान करना मुमकिन नहीं है। आज भारत में 22 मार्च को ग्यारहवां रोजा है। रहमत का पहला अशरा गुजर चुका है। आज से दूसरा मगफिरत का अशरा शुरु हो गया है। दस रोजे गुजर गये हैं। अब तक भी अगर आप लोग गफलत में है तो नींद से जागने का वक्त आ गया है। क्योंकि हम आपको आज के दिन एक ऐसी मखसूस दुआ बता रहे हैं जिसे अगर आपने ग्यारह रमजान यानी 22 मार्च के दिन पढ़ लिया तो आपका नाम अल्लाह के पसंदीदा बंदों की लिस्ट में आ जाएगा। ग्यारहवें रमजान को आप ये दुआ (11 Ramadan Dua) पढ़ेंगे तो इंशाअल्लाह बहुत फायदा होगा। बाद नमाज के ये दुआ अव्वल आखिर दुरूद शरीफ के साथ जुमे के बाद आप पढ़ सकते हैं।
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ग्यारहवें रमजान की दुआ
(11 Ramadan Dua)
Allahuma habbib ilayay fihil ihsana wakariyu illaiya fihil fusukawal isyana waharrim alliya fihis sakhata wannirana biaunika yagiyasal mustagisina
ऐ अल्लाह आज के दिन नेकी को मेरे लिए पसंदीदा फरमा दे, इसमें गुनाह और नाफरमानी को मेरे लिए नापसंदीदा बना दें, और इसमें गैज और गजब को मुझ पर हराम कर दें, अपनी हिमायत के साथ, ऐ फरियादियों की फरयाद सुनने वालें
ALLAH, on this day, make me love goodness, and dislike corruption and disobedience, bar me from anger and the fire [of Hell], by Your help, O the helper of those who seek help
Aye Allah Aaj Ke Din Neki Ko Mere Liye Pasandeeda Farmade, Isme Gunaah Aur Nafarmani Ko Mere Liye Napasandeeda Banade, Aur Isme Gaiz Aur Gazab Ko Mujh Par Haraam Karde Apni Himayat Ke Saath, Aye Faryadiyon ki Faryad Sunne Wale.
اَللّـهُمَّ حَبِّبْ اِلَيَّ فيهِ الإحسان، وَكَرِّهْ اِلَيَّ فيهِ الْفُسُوقَ وَالْعِصْيانَ، وَحَرِّمْ عَلَيَّ فيهِ السَّخَطَ وَالنّيرانَ بِعَوْنِكَ يا غِياثَ الْمُسْتَغيثينَ
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ग्यारहवें रमजान को क्या है खास?
ग्यारहवें रमजान को पहला अशरा खत्म हो जाता है, और दूसरा मगफिरत का अशरा शुरु हो जाता है। कहा जाता है कि ग्यारहवें रमजान से लेकर बीस रमजान की शाम तक सभी मुसलमानों की मगफिरत की जाती है। सच्चे दिल से अगर कोई बंदा रमजान के दूसरे अशरे में तौबा इस्तगफार कर ले तो उसकी मगफिरत कुबूल होती है। मतलब गुनाहों से माफी मिलने का यही सबसे बेस्ट टाइम है।
दूसरा अशरा क्या है?
अशरा मतलब दस दिनों का एक ग्रुप। रमजान को तीन अशरों में बांटा गया है। पहला अशरा 1 से 10 रमजान तक रहता है, जिसे रहमत का अशरा कहा जाता है। वही दूसरा अशरा मगफिरत का होता है। जो कि 11 रमजान से 20 तक रहेगा। इसके बाद तीसरा और आखिरी अशरा आएगा। 21 से 30 रमजान तक का अशरा जहन्नम की आग से आजादी का होता है। आज से 22 मार्च 2024 को दूसरा अशरा शुरु हो चुका है।