कर्नाटक में सीएम पद को लेकर उलझे पेंच बड़ी मुश्किलों के बाद सुलझे। डीके शिवकमुार के राजी होने के बाद सिद्धारमैया का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए फाइनल हुआ। आज यानि 20 मई को कर्नाटक में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। सिद्धारमैया ने आज दूसरी बार अपने पद की शपथ ली। इस समारोह में 8 राज्यों के सीएम और कई बड़े क्षेत्रीय दलों के अध्यक्ष पहुंचे। लेकिन कांग्रेस ने सियासी समीकरणों को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तेलंगाना मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को निमंत्रण नहीं दिया गया।
20 मई को बेंगलुरु के कांतिरावा स्टेडियम में दोपहर 12.30 बजे शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। राज्यपाल थावरचंद गहलोत सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। इसके साथ ही डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम की और नवनिर्वाचित 8 विधायक भी अपने मंत्री पद की शपथ ली। शपथ लेने वालों में केएच मुनियप्पा, डॉ. परमेश्वर, केजे जॉर्ज, एमबी पाटिल, सतीश जारकीहोली, प्रियांक खड़गे, रामलिंगा रेड्डी और जमीर अहमद खान के नाम शामिल है।
बीजेपी और आप पार्टी की नो एंट्री
कर्नाटक कांग्रेस का शपथ ग्रहण समारोह चर्चा में बना हुआ है। क्योंकि इस कार्यक्रम में एक ओर जहां 8 राज्यों के सीएम और कई बड़े क्षेत्रीय दलों के पहुंचने की खबर है वहीं इसमें भाजपा और आप पार्टी के नेताओं को नजरअंदाज किया गया है। इन दोनों दलों के अलावा विपक्ष की सभी पार्टियों को शपथ ग्रहण समारोह में आने का न्यौता दिया गया। कांग्रेस ने दिल्ली सीएम केजरीवाल और तेलंगाना सीएम केसीआर को समारोह में आने का न्यौता नहीं दिया गया। भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी को निमंत्रण नहीं देने के पीछे कई अटकलें लगाई जा रही है। कांग्रेस इस शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाकर विपक्षी एकता का संकेत देना चाहती है।