नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी किया है इस आदेश के तहत 2000 के नोट बिना किसी आईडी प्रूफ के आगे भी ऐसे ही बदले जाते रहेंगे। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर याचिका दायर की गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है। 2000 के नोट को बदलने के लिए आईडी प्रूफ को लेकर आरबीआई के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर दलील पेश करते हुए कहा कि यदि आप सब्जी वाली से सब्जी खरीदते समय 2000 का नोट देते हैं तो क्या वह आपसे भी प्रूफ मांगता है।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा यह आरबीआई का पॉलिसी डिसीजन है। दरअसल 2000 के नोट को लेकर अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की और से याचिका दायर कि गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह शासन का मामला है। बहुत बड़े पैमाने पर ट्रांजैक्शन किया जा रहा हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी उपाध्याय से सवाल करते हुए कहा तो क्या यह सभी अवैध हैं।
29 मई को हाई कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाते हुए कहा था। यह आरबीआई का पॉलिसी डिसीजन हैं। जिसके बाद अश्विनी उपाध्याय ने इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। और इस को लेकर सुप्रीम कोर्ट मे अपील की। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार 30 जून तक बैंकों को 76 प्रतिशत नोट वापस मिल चुके हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के द्वरा आमजन से अपील की जा रही हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने आमजन से अपील करते हुए 30 सितंबर से पहले नोट बदलने को कहा हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा समय रहते नोट बदलवा ले ताकि बाद में परेशानि ना हो।