4th Shab e Qadr Namaz : रमजान के आखिरे अशरे में शबे कद्र का दौर चल रहा है। जिस रात को कुरान मजीद में लैलतुल कद्र कहा गया है। कलाम पाक इसी मुकद्दस रात में नबी ए करीम पर नाजिल हुआ था। ये रात आखिरे अशरे की विषम यानी के वित्र ताक रातों (Ramadan Odd Nights) में पाई जाती हैं। पहली शबे कदर की रात 31 मार्च 2024 को थी। दूसरी रात (2nd Shab e Qadr) भारत में 2 अप्रैल को थी, तीसरी शबे कद्र की रात (3rd Shab e Qadr) 4 अप्रैल 2024 की रात को थी। अब 6 अप्रैल की रात को चौथी शबे कद्र (4th Shab e Qadr) यानी 27वीं शब होगी। 4th Laylatul Qadr की रात को क्या पढ़ना है यही हम बताने जा रहे हैं। इससे आपको यह पता चल जाएगा कि चौथी शबे कद्र में नमाज (4th Shab e Qadr Namaz) कैसे पढ़े ताकि ज्यादा से ज्यादा सवाब हासिल हो सके। ऐसी ही और भी इस्लाम से जुड़ी जानकारी के लिए हमें पढ़ते रहे और दिल से दुआ देते रहे।
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चौथी शबे कद्र की नमाज में (4th Shab e Qadr Namaz) आपको सबसे पहले 12 रकात नफिल पढ़ने हैं। हर रकात में सूरह फातिहा के बाद 1 बार सूरह कद्र, 15 बार सूरह इख्लास पढ़ें। सलाम फेरने के बाद 70 अस्तग़फ़ार पढ़ें। इंशा अल्लाह इस नमाज़ को पढ़ने वाले को नबी का महबूब बना दिया जाता है। 27वीं रात को ये नफिल जरूर पढ़ें।
इसके बाद दो रकात नफिल (4th Shab e Qadr Namaz) पढ़ने हैं। जिसमें सूरह फातिहा के बाद हर रकात में 3 बार सूरह कद्र तथा 27 बार सूरह इख्लास पढ़नी है। इंशा अल्लाह मौला आपके तमाम अगले पिछले गुनाहों को माफ फरमा देगा और मगफिरत अता कर देगा।
27वीं शब को 4 रकात नफिल (4th Shab e Qadr Namaz) दो सलाम के साथ इस तरह पढ़ने हैं कि सूरह फातिहा के बाद हर रकात में 1 बार सूरह तकासुर, 3 बार सूरह इख्लास पढ़ना है। इंशा अल्लाह क़ब्र के अजाब से निजात मिलेगी और मौत के वक्त की तकलीफ को कम कर दिया जाएगा।
चौथी शबे कद्र (4th Shab e Qadr Namaz) में दो रकात नवाफिल ऐसे अदा करे कि सूरह फातिहा के बाद प्रत्येक रकात में 7 बार सूरह इख्लास यानी कुल हुवलल्लाहु अहद पढ़ें और सलाम फेरने के बाद ये दुआ पढें। “अस्तगफिरुल्ला हिल अजी मुल्लाज़ी ला इल्लाह इल्ल ला हू वल हय्युल कय्यूम वा अतुबुइलैहि”। इंशा अल्लाह समंदर के झाग के बराबर गुनाह भी माफ कर दिए जाएंगे।
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पहली शबे कद्र की रात 31 मार्च 2024 को थी। दूसरी रात 23वीं रात यानी बाईसवें रमजान की रात 2 अप्रैल को थी। तीसरी शबे कद्र की रात 4 अप्रैल की रात को यानी 24वें रमजान की रात को थी। क्योंकि इस्लाम में हिजरी कैलेंडर शाम के समय से अगली शाम तक चलता है। मतलब रोजा अगर 26वां है तो उस दिन 27वीं रात होगी। ऐसे में भारत में चौथी लैलतुल कद्र (4th Shab e Qadr) की रात 6 अप्रैल 2024 की रात होगी। इसे ही 27वीं रात कहा जाता है।
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