5th Shabe Qadr : कुरान मजीद को जिस पवित्र रात में नाजिल किया गया है उसे इस्लाम में लैलतुल कद्र यानी शबे कद्र की रात कहा गया है। हजार महीनों से अफजल ये रात आखिरे अशरे की विषम रातों में पाई जाती हैं। जैसे 21,23,25,27,29 रातों में ये शबे कद्र की रात होती है। इस रात में दुआएँ कुबूल होती हैं तथा मौला की खास रहमत लेकर रूहूल कुदूस जिब्रील अमीन मलाईका के साथ जमीन पर उतरते हैं। आज 27वां रोजा है और 28वीं तरावीह है। कल चौथी शबे कद्र 6 अप्रैल की रात को थी। इससे पहले पहली शबे कद्र 31 मार्च को, दूसरी 2 अप्रैल को, तीसरी 4 को थी। अब हम आपको पांचवीं शबे कद्र (5th Shabe Qadr) भारत में कब है ये बता रहे हैं। रमजान की 5वीं शबे कद्र (5th Shabe Qadr) को ही 29वीं रात कहा जाता है। आज 27वां रमजान है। आप सबको हमारी टीम की जानिब से आखिरी शबे कद्र (Last Laylatul Qadr) की तहे दिल से मुबारकबाद –
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पांचवीं शबे कद्र कब है?
(5th Shabe Qadr)
पहली शबे कद्र की रात 31 मार्च 2024 को थी। दूसरी रात 23वीं रात यानी बाईसवें रमजान की रात 2 अप्रैल को थी। तीसरी शबे कद्र की रात 4 अप्रैल की रात को यानी 24वें रमजान की रात को थी, चौथी शबे कद्र 6 अप्रैल को 26वें रमजान को थी। क्योंकि इस्लाम में हिजरी कैलेंडर शाम के समय से अगली शाम तक चलता है। मतलब रोजा अगर 28वां है तो उस दिन 29वीं रात होगी। ऐसे में भारत में पांचवीं लैलतुल कद्र (5th Shab e Qadr) की रात 8 अप्रैल 2024 सोमवार की रात होगी। इसे ही 29वीं रात और आखिरी लैलतुल कद्र (29th Ramadan Night) कहा जाता है।
लैलतुल क़द्र का क्या मतलब है?
‘लैल’ का मतलब अरबी में रात से है जबकि क़द्र का मतलब सम्मान या इज्जत से है। इस प्रकार लैलतुल कद्र का मतलब है सम्मान और शान की रात। इसे ‘शब-ए-कद्र’ भी कहा गया हैं। जिस रात में कुरान शरीफ को आसमान से जमीन पर प्यारे आका सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर नाजिल किया गया था। ये रात 1000 महीने के बराबर है। 29वीं शब (5th Shabe Qadr) में जिसने इबादत की तो उसे 83 साल और चार महीने की इबादत का सवाब मिलता है।
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शबे कद्र किस एक रात में है ?
शबे कद्र की पाकीजा रात इन पांच विषम यानी ताक या वित्र रातों (Ramadan Odd Nights) में से कोई एक रात ही होती है। जब अल्लाह रब्बुल इज्जत ने नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को लैलतुल कद्र की रात बताने का फैसला किया तभी मक्का में दो लोग आपस में झगड़ा कर रहे थे। उनके झगड़े की वजह से अल्लाह ने शबे कद्र की बरकत उठा ली गई और उसकी तारीख पांच रातों में छुपा दी गई। अब मुसलमान इन पांच रातों (Ramadan Odd Nights) में जागकर वो एक रात लैलतुल कद्र को तलाश करते हैं। भारत में 27वीं रात को ज्यादा महत्व दिया जाता है जो कि 6 अप्रैल को हो चुकी है। हमारी आपसे गुजारिश है कि आप हजरात कल 29वीं शब यानी आखिरी और पांचवी शबे कद्र (5th Shabe Qadr) को भी रात जगे ताकि मौला की मजीद इनायत नसीब हो सके। अल्लाह हमें शबे कद्र की कदर करने की तौफीक अता फरमाएँ।