- हिंडनबर्ग ने भी खड़े किये थे अडानी ग्रुप पर सवाल
- आरोप कितने बड़े और क्या मिलेगी सजा?
देश के बड़े उधोगपतियों में शुमार गौतम अडानी (Gautam Adani) की मुश्किलें घटने का नाम नहीं ले रही हैं। गौतम अडानी पहले से ही भारत में विपक्षी राजनीति के टारगेट पर हैं और इसी साल की शुरुआत में हिंडनबर्ग रिपोर्ट में भी उनकी कंपनी पर कई सवाल उठाये गए थे। जिसके बाद मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने अडानी ग्रुप (Adani Group) की जांच शुरू की थी। अब सेबी की जांच में अडानी ग्रुप को कई मामलों में दोषी पाया गया है। सेबी ने अडानी ग्रुप को डिस्क्लोजर से जुड़े नियमों के उल्लंघन और ऑफशोर फंड्स की होल्डिंग सीमा के उल्लंघन का दोषी पाया है। जिसके बाद अब मामला तूल पकड़ते जा रहा है।
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हिंडनबर्ग ने भी खड़े किये थे अडानी ग्रुप पर सवाल
इसी साल जनवरी महीने में अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने अडानी ग्रुप पर कॉरपोरेट गवर्नेंस से जुड़े कई सवाल दागे थे। जिसके बाद भारत समेत दुनियाभर के देशों में अडानी ग्रुप के शेयर में भारी गिरावट देखी गई थी। इसी दौरान ग्रुप के मुखिया गौतम अडानी भी राजनीतिक निशाने पर आ गए थे। मामला बढ़ता देख सेबी ने जांच शुरू की और अब रिपोर्ट में उनकी कंपनी को कई मामलों में दोषी बनाया गया है। गौरतलब है कि SEBI की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रही है। कोर्ट अब इस मामले पर मंगलवार 29 मई को सुनवाई करने जा रहा है।
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आरोप कितने बड़े और क्या मिलेगी सजा?
अडानी ग्रुप पर सेबी की जांच के बाद लगे बड़े आरोपों पर क्या सजा का प्रावधान हैं? यह हर कोई जानना चाहता है। मनीकंट्रोल पर समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई हैं, जिसमें कहा गया है कि सेबी द्वारा अडानी ग्रुप पर जिन उल्लंघन के आरोप लगे हैं, उस पर आर्थिक दंड से अधिक कोई सजा का प्रावधान नहीं हैं। वही, रिपोर्ट में बताया गया है कि सेबी अपनी जांच रिपोर्ट को सार्वजानिक करने की कोई भी योजना नहीं बना रहा हैं।