भारत का पहला सूर्य मिशन Aditya-L1 लगातार अपनी यात्रा पर आगे बढ़ रहा है। भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO के वैज्ञानिकों ने आदित्य एल1 की चौथी बार कक्षा बदलने का कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है। इसके बाद एक बार और ऑर्बिट मैन्यूवर किया जाएगा और फिर यह सैटेलाइट पृथ्वी को अलविदा कहकर सूर्य की ओर मुड़ जाएगा।
19 सितंबर को आखिरी बार करेगा पृथ्वी की परिक्रमा
इसरो के वैज्ञानिकों के अनुसार Aditya-L1 की कक्षा बदलने का कार्य अब 19 सितंबर 2023 को किया जाएगा। इसे EBN#5 नाम दिया गया है और यह सूर्ययान का आखिरी ऑर्बिट मैन्यूवर होगा। इसके बाद वह सूर्य की ओर निकल जाएगा और 109 दिन की यात्रा में 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद सूर्य और पृथ्वी के बीच मौजूद L1 बिंदु पर पहुंच कर वहां रहते हुए सूर्य की परिक्रमा करेगा।
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Aditya-L1 ने भेजी अपनी सेल्फी
कक्षा परिवर्तन के पूर्व आदित्य एल1 ने पृथ्वी और चंद्रमा की एक फोटो भी भेजी। इसके साथ ही उसने एक सेल्फी भी भेजी तथा बताया कि उसके सभी कैमरे सही तरह से काम कर रहे हैं। इसरो के वैज्ञानिकों के अनुसार अभी सूर्ययान के सभी उपकरण बिल्कुल सही तरीके से काम कर रहे हैं।
फरवरी में भेजेगा सूर्य की पहली तस्वीर
सूर्य की परिक्रमा करते हुए यह सूर्ययान साथ भेजे गए विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) की सहायता से प्रतिदिन 1440 फोटोज भेजेगा। Aditya-L1 फरवरी माह में एल1 प्वाइंट पर पहुंच जाएगा, इसके बाद इसके सभी पेलोड्स एक्टिव किए जाएंगे और यह सूर्य का विस्तृत अध्ययन शुरू कर देगा।
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इन चीजों का अध्ययन करेगा Aditya-L1
आदित्य एल1 के जरिए सूर्य के कोरोनास्फेयर, सौर लहरें तथा सौर तूफानों की स्टडी करेगा। इससे जाना जा सकेगा कि किस तरह सूर्य पर उठने वाले तूफान पृथ्वी पर वातावरण तथा मौसम को प्रभावित करते हैं। इसके साथ ही कई अन्य चीजों की भी जानकारी एकत्रित कर उनकी रिसर्च की जाएगी।