जयपुर। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का BJP जमकर फायदा उठा रही है। इसी के चलते भगवान जगन्नाथ का आर्शीवाद भी भारतीय जनता पार्टी को मिल रहा है। रथ यात्रा के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अहमदाबाद में मौजूद रहे। शाह ने परिवार के साथ जमालपुर स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में मंगला आरती की। इसके बाद Amit Shah ने अपना अहमदाबाद प्रवास शुरू किया। अमित शाह का भगवान जगन्नाथ से जुड़ाव और लगाव नया नहीं है। वे पिछले कई सालों से Rath Yatra के मौके पर मौजूद रहते आ रहे हैं। वे अपने दौरों में भी जगन्नाथ मंदिर जाते हैं।
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PM Modi ने दी थी रथ यात्रा को नई ऊंचाई
आपको बता दें कि अमित शाह ही नहीं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो अहमदाबाद की इस ऐतिहासिक रथ यात्रा को नई ऊंचाई पर पहुंचा। वे खुद पहिंद विधि के लिए पहुंचते थे तो साथ ही इस यात्रा की सुरक्षा की चिंता भी करते थे। पीएम मोदी की तरह ही इस बार न सिर्फ अमित शाह मौजूद रहे बल्कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने यात्रा की सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद संभाली। यात्रा में पहली बार थ्री डी मैपिंग और एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ तो वहीं यात्रा में खास उत्साह देखने को मिला। बीजेपी संगठन के लोगों ने इस आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
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गुजरात सांप्रदायिक दंगों नहीं निकली थी रथ यात्रा
अहमदाबाद की रथ यात्रा कभी स्थगित नहीं हुई। सभी सरकारों ने हमेशा इस आयोजन को बल प्रदान किया। लेकिन 1984 और 1985 में जब सांप्रदायिक दंगों के बाद यात्रा को स्थगित करने की पहल हुई तो उसका नुकसान भी हुआ। कहते हैं कि उस वक्त के मुख्यमंत्री माधव सिंह साेलंकी नहीं चाहते थे कि मौजूदा स्थिति यात्रा निकले , लेकिन यात्रा निकली थी, हालांकि बाद में उन्होंने अपने फैसले से हुए नुकसान की भरपाई के लिए पहिंद विधि भी शुरू करवाई थी, हालांकि राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यात्रा को सहयोग कांग्रेस की सरकारों ने भी दिया, लेकिन बीजेपी सांस्कृतिक और धार्मिक तौर भागीदारी करने में आगे रही। वह कोई भी मौका नहीं चूकी। इस फायदा पार्टी मिला।
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कांग्रेस नहीं उठा पाई फायदा
1992 में बाबरी विध्वंस और इसके अलगे साल 1993 में अहमदाबाद में बम ब्लास्ट हुए, लेकिन तब भी यात्रा निकली थी। इस साल की यात्रा में खलल डालने की कोशिश हुई थी, यह अहमदाबाद के डॉन कहे गए गैंगस्टर लतीफ के आतंक का दौरा था। तब गुजरात पुलिस के अधिकारी ने मंसबों पर पानी फेर दिया था, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस इसका कार्रवाई का फायदा नहीं ले पाई। धार्मिक आयोजन में सीमित भागीदारी से कांग्रेस धीरे-धीरे कमजाेर हुई, तो वहीं बीजेपी मजबूत होती गई। 1995 में बीजेपी ने अपने बूते सरकार बनाई। इसकी एक बड़ी वजह यह भी रही कि गुजरात में बीजेपी धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है।
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बीजेपी भगवान जगन्नाथ का आर्शीवाद
राजनीति विशेषज्ञों के अनुसार कोई भी दल हो वह लोगों की भावना की खिलाफ चलेगा तो नुकसान होगा। गुजरात में कांग्रेस को ऐसे कार्यक्रमों से दूरी बनाने से नुकसान हुआ है। बीजेपी की लीडरशिप शुरूआत से ही धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में जुड़ती आई है। शाह कहते जगन्नाथ यात्रा ही नहीं रामनवमी यात्रा, नवरात्रि और जन्माष्टमी के कार्यक्रम, सभी में बीजेपी सक्रियता रहती है। इससे बीजेपी को फायदा हुआ है। अगर आप ऐसे कार्यक्रम में जाते हैं तो निश्चित तौर पर आप को लेकर लोगों में एक धारणा बनती है। इससे अप्रत्क्ष तौर पर फायदा होता है। आज बीजेपी के पास विधानसभा में 156 सीटें है। लोकसभा की सभी सीटें पर पार्टी काबिज है। राज्यसभा की 11 में 8 सीटें कांग्रेस के पास हैं। 2026 में सभी 11 सीटें उनके पास होंगी।
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