Alvida Jumma Dua: अलविदा न कहो माहे रमजान को, यूं जुदा न करो जिस्म से जान को, जी हां, माहे रमजान के अलविदा की घड़ी अनकरीब आ गई है। माहे रमजान का आखिरी जुम्मा आज 5 अप्रैल को है। इस बार रमजान में चार जुमे आए हैं। आखिरी जुमे को अलविदा जुमा या जुमातुल विदा कहते हैं। भारत में Alvida Jumma मुस्लिम समुदाय के लिए खास फजीलत रखता है। इस जुमे की नमाज का सवाब कई गुना बढ़ जाता है। हम आपको अलविदा जुमे की एक खास दुआ (Alvida Jumma Dua) बता रहे हैं। इस अमल को आपको अलविदा जुमे के दिन करना है और इसके बाद आपकी जिंदगी ही बदल जाएगी। बेपनाह सवाब के साथ ही आपको इस वजीफे की बरकत से रिज्क़ में बढ़ोतरी हो जाएगी।
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अलविदा जुमा की दुआ
(Alvida Jumma Dua)
इस अमल में अलविदा जुम्मे के दिन आपको अस्र की नमाज के बाद अव्वल आखिर दरूद शरीफ 3 बार पढ़ना है। उसके बाद 100 बार आयते करीमा “ला इला-ह इल्ला अन्त सुब्हानक इन्नी कुन्तु मिनज़्ज़ालिमीन।” पढ़नी है। उसके बाद अल्लाह तआला का नामे मुबारक या हय्यु या कय्यूम 1000 बार पढ़ना है। आखिर में तीन बार दुरूद शरीफ का नजराना पेश कर दें। अलविदा जुमे के दिन ये अमल (Alvida Jumma Dua) आपकी जिंदगी की सारी परेशानियां खत्म कर देगा।
आयते करीमा (Ayate Karima) क्या है?
Ayat e Karima क़ुरान शरीफ के 17 वें पारे के 21वें सूरह “सूरह अल अंबिया” के आयत नंबर 87 में है। “ला इला-ह इल्ला अन्त सुब्हानक इन्नी कुन्तु मिनज़्ज़ालिमीन।” इसका मतलब है कि ऐ अल्लाह तेरे सिवा कोई मआबूद बरहक़ नहीं तू पाक है बेशक मै ज़ालिमों मे से हूँ। ये दुआ (Alvida Jumma Dua) सबसे पहले हजरत यूनुस अलैहिस्सलाम ने मछली के पेट में पढ़ी थी, जिसके बाद अल्लाह ने उनकी दुआ को क़ुबूल कर लिया और उन्हें मछली के पेट से फौरन बाहर निकल दिया। ये आयत बहुत जलाली है तो सावधानी से पढ़ें। नापाकी की हालत में कभी भी ये अमल न करें।
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अलविदा जुमा क्या होता है?
रमजान के आखिरी जुमे यानी शुक्रवार को ही अलविदा जुमा कहा जाता है। नबी ए करीम ने इस दिन की खासी फजीलत बयान की है। रमजान के सारे ही जुम्मे अहम होते हैं, लेकिन Alvida Jumma सबसे अहम दर्जा रखता है। जुमातुल विदा के दिन अल्लाह की खास रहमतें नाजिल होती हैं। इस जुमे का खुत्बा भी अलग होता है। रमजान का महीना 11 मार्च 2024 से शुरु हुआ है। इस बार रमजान में चार जुमे आए हैं। ऐसे में रमजान का आखिरी जुम्मा (Alvida Jumma) आज 5 अप्रैल 2024 को है।