PoK News: संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन गृह मंत्री 'अमित शाह' ने 'जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक' पेश किये। इस दौरान गृहमंत्री Amit Shah ने अपनी बात रखते हुए कहा कि 'जम्मू-कश्मीर में महाराजा हरि सिंह ने विलय का फैसला लिया था। इसके बाद यहां कई बदलाव हुए। उसके बाद किसी ने भी विस्थापितों की खैर-खबर नहीं ली। शाह ने कहा जिन लोगों को जम्मू-कश्मीर (Jammu &Kashmir) की चिंता करनी थी, वे तो इंग्लैंड में छुट्टियां मना रहे थे।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा 'अगर समय रहते सही और कड़े फैसले लिए गए होते तो हालात न बिगड़ते। नया बिल उन विस्थापितों को अधिकार देगा। गौरतलब है कि शाह ने जम्मू-कश्मीर रिजर्वेशन (अमेंडमेंट) बिल, 2023 और दूसरा- जम्मू-कश्मीर रिऑर्गेनाइजेशन (अमेंडमेंट) बिल 2023 लोकसभा में पेश किया था। एक आसान भाषा में समझते है कि ये दोनों बिल कानून का रूप लेने के लेने के बाद किस तरह से जम्मू-कश्मीर में 5 बदलाव लाएंगे।
विधानसभा सीटों की बढ़ेगी संख्या
जम्मू-कश्मीर रिऑर्गेनाइजेशन (अमेंडमेंट) बिल, 2023 कानून में बदलता है तो जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या बढ़कर 114 हो जाएंगी। इससे पहले 'जम्मू-कश्मीर रिऑर्गेनाइजेशन 2019' बिल के तहत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था।
विस्थापितों के लिए आरक्षित होंगी सीटें
नए बिल यदि कानून का रुप लेते है तो 'विस्थापितों के लिए कश्मीर में दो सीटें आरक्षित होंगी।' इनमें से एक सीट POK से विस्थापित इंसान को दी जाएगी। कश्मीर में प्रवासियों को दी जाने वाली दो सीटों में से एक महिला को अनिवार्य तौर पर दी जायेगी।
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विस्थापित नागरिकों होंगे नामित
कश्मीर प्रवासी और विस्थापित नागरिकों को आरक्षित सीट पर नामित करने का काम उपराज्यपाल करेंगे। ये 3 सीटें अलग से होंगी, जो जम्मू-कश्मीर की 90 सीटों से अलग रहेगी। इस तरह कुल सीटों सीटों की संख्या बढ़कर 93 तक हो जायेगी। ST के लिए 9 और SC के लिए 7 सीटें रिजर्व रहेंगी।
कहां-कहां बढ़ाई जाएंगी सीटें?
जम्मू के कठुआ, राजौरी, किश्तवाड़, सांबा, डोडा और उधमपुर में 1-1 सीट को बढ़ाया गया है। कश्मीर की बात करें तो कुपवाड़ा जिले में एक सीट बढ़ी है। यहां पहले से 5 सीटे थीं, जो अब बढ़कर 6 हो जाएंगी।
जम्मू-कश्मीर रिजर्वेशन (अमेंडमेंट) बिल, 2023 में क्या है नया
यह बिल जम्मू-कश्मीर में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को सरकारी नौकरी में आरक्षण प्रदान करेगा। पिछड़े स्टूडेंट्स को कॉलेज-यूनिवर्सिटी में आरक्षण देगा। LOC के पास और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बसे गांव में रह रहे लोग इस बिल से मिलने वाले लाभों का फायदा ले सकेंगे।