पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है। बुधवार, 06 दिसंबर को संसद में जम्मू कश्मीर से जुड़े दो बिल पेश करते हुए Amit Shah ने कहा कि 'पीओके' हमारा है और सारा का सारा है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा नया बिल कश्मीर और पीओके से विस्थापित हुए लोगों को न्याय दिलाने के काम करेगा। इसके बाद हर प्रताड़ित कश्मीरी भी याद रखेगा कि PM Narendra Modi ने उनके लिए क्या किया।
पाक का तिलमिलाना हुआ तय!
गृहमंत्री ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर से जुड़े दो बिल जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 को संसद में पेश किया था। दोनों ही बिल लोकसभा में पारित हो गए। इन बिलों के पास होने के बाद कश्मीर में अब विधानसभा सीटों की संख्या 114 हो गई।
एक सौ चौदह में से 24 सीटें पीओके में रिजर्व की गई हैं। शाह ने कहा ये सीटें तब तक खाली रहेंगी, जब तक पाकिस्तान का कब्जा रहेगा। संसद में भारत सरकार द्वारा पारित ये दोनों बिल और अमित शाह की तीखी टिप्पणी के बाद पाकिस्तान की सरकार और आवाम का तिलमिलाना तय माना जा रहा है।
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ये होगा सीटों का समीकरण
दो नए विधेयक पारित होने के बाद अब जम्मू की 37 सीटें बढ़कर 43 हो जाएंगी। इसी तरह कश्मीर में सीटों की संख्या 46 से बढकर 47 हो जाएंगी। शेष 24 सीटें पीओके में आरक्षित हैं। जम्मू कश्मीर की जो 90 सीटों से अलग तीन सीटें नामित विधायकों की होंगी। इस तरह इनकी संख्या बढ़कर 93 हो जाएगी।
एससी और एसटी के लिए 16 सीटें रिजर्व की गई है, जिनमें ST के लिए 9 और एससी के लिए 7 सीटें आरक्षित हैं। इसके अलावा कश्मीरी विस्थापितों के लिए विधानसभा में दो सीटें आरक्षित रहेंगी। वहीं, पीओके के विस्थापित के लिए भी एक सीट आरक्षित हैं। कश्मीर में विस्थापित प्रवासियों को दी जाने वाली दो सीटों में से एक सीट महिला के लिए आरक्षित रहेगी। इस सीट पर कश्मीर प्रवासी और विस्थापित नागरिक को उपराज्यपाल नामित किया जाएगा।