वह युग गया जब भारत की सीमावर्ती भूमि पर कोई भी अतिक्रमण कर सकता था। अब भारत अपनी जमीन पर एक इंच भी अतिक्रमण नहीं होने देगा। अमित शाह का यह संदेश चीन के लिए एक चेतावनी बन गया है। अरुणाचल प्रदेश के किबिथू में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का आयोजन किया गया। यहां पर केन्द्रीय ग्रह मंत्री अमित शाह ने चीन को एक सख्त संदेश दिया।
शाह ने एक जनसभा के दौरान चीन को दो टूक शब्दों में अपनी सीमाओं में रहने को कहा है। शाह ने सोमवार को यहां कहा कि अब भारत के किसी भी क्षेत्र पर बुरी नजर डालना आसान नहीं है। थलसेना और भारत चीन तिब्बत सीमा पर आईटीबीपी के पराक्रम की भी कोई सीमा नहीं है, कि कोई भारत की एक इंच भी जमीन ले सके।
अंतिम नहीं प्रथम गांव होगा
शाह ने भारत का प्रथम गांव बताते हुए इस सीमांत स्थान बताते हुए यहां कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नीति है कि इन दूर दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को भी बुनियादी सुविधाएं मिलें। पहले कहा जाता था कि ये भारत का अंतिम गांव है लेकिन अब नीति बदल गई है अब इसे भारत का प्रथम गांव कहा जाता है। वाइब्रेंट विलेज योजना में यहां जल, नल, बिजली, रसोई गैस डिजीटल, रोजगार और भौतिक संपर्क के अवसरों को दूर दराज की सीमावर्ती गांवों में सरकार की ओर से उपलब्ध करवाया जाएगा, जिसका लक्ष्य तीन साल है। यहां शाह ने यह भी साफ कर दिया कि सीमा की सुरक्षा कर रहे प्रहरियों को अब और अधिक सुविधाएं भी दी जांएगी। जिससे उन्हें कोई मात न दे सके।
उल्लंघन का विरोध
अमित शाह के अरुणाचल दौरे की चीन की ओर से आलोचना की गई है। कहा गया है कि इस दौरे से चीनी सीमा का उल्लंघन हुआ है। वहीं कुछ दिन पहले भारत ने भी सीमावर्ती राज्यों में कुछ स्थानों के नाम बदले जाने की आलोचना की थी। यही नहीं बीजिंग में एक प्रेस वार्ता के दौरान भी भारतीय अधिकारी की जंगनन, अरुणाचल का चीनी नाम में गतिविधि को चीन की संप्रभुता का उल्लंघन बताया है। कुछ दिन पहले ही चीन के अरुणाचल प्रदेश के स्थानों के कुछ नामों को बदलने को भारत ने सिरे से खारिज भी किया था।