जयपुर। पंजाब और भारत की सुरक्षा व्यवस्था को खुलकर चुनौती देने वाले वारिस पंजाब दे संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह पर पुलिस ने जबरदस्त ऐक्शन लिया है। पंजाब पुलिस ने जालंधर के नकोदर से अमृतपाल सिंह को अपने 6 साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है। 23 फरवरी को अजनाला थाने की घटना के बाद से ही अमृतपाल सिंह पर ऐक्शन को लेकर मांग उठ रही थी। इस घटना के बाद भगवंत मान सरकार को कांग्रेस, बीजेपी और अकाली दल समेत विपक्ष लगातार निशाने पर लिए हुए थे। अमृतपाल सिंह पर ऐक्शन के लिए पंजाब सरकार को आखिर 22 दिन का इंतजार क्यों करना पड़ा, जानिए वजह-
भगवंत मान की अमित शाह से मुलाकात
अजनाला घटना के कुछ दिन बाद ही 2 मार्च को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात हुई थी। बैठक के बाद भगवंत मान ने बताया था कि पंजाब की कानून व्यवस्था को लेकर केंद्र और राज्य मिलकर काम करेंगे। इस विशेष मीटिंग में भगवंत मान ने शाह को अजनाला कांड की जानकारी दी थी और राज्य की स्थिति से रूबरू कराया था। इसके बाद 6 मार्च को पंजाब में केंद्र की ओर से 18 सीआरपीएफ-आरएएफ की टुकड़िया तैनात की गई थी।
सरकार पर विपक्ष का दबाव
23 फरवरी को पंजाब के अमृतसर स्थित अजनाला में वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। इसको लेकर भगवंत मान सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर रही थी। भाजपा ने भी मान सरकार पर जमकर हमला बोला था। सभी दल अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे जो पुलिस पर हमले के बाद भी खुलेआम घूम रहा था।
पुलिस के सम्मान को पहुंचाई ठेस
23 फरवरी को अपने एक साथी लवप्रीत तूफान की रिहाई के लिए अमृतपाल सिंह अपनी पूरी फौज के साथ अजनाला थाने के बाहर पहुंच गया था। इस दौरान तलवार और बंदूक से लैस अमृतपाल के समर्थकों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए थे। पुलिस पर हमला हुआ जिसमें करीब 6 जवान घायल हो गए थे। आखिर में अजनाला पुलिस को अमृतपाल के आगे घुटने टेकने पड़े और लवप्रीत को रिहा करना पड़ा। इस घटना ने पंजाब पुलिस के मनोबल को भी ठेस पहुंचाई थी।
खालिस्तान की मांग को करारा जवाब
अमृतपाल सिंह अलग देश खालिस्तान की मांग करके लगातार प्रशासन को चुनौती दे रहा था। वह लगातार भीड़ को उकसाने वाले बयान देकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा था। उसके लुक और भाषणों को देखते हुए उसकी तुलना जरनैल सिंह भिंडरावाला से की जा रही थी। भिंडरावाला ने 80 के दशक में सिखों के लिए अलग देश की मांग उठाकर कोहराम मचाया था। अमृतपाल सिंह के समर्थकों की तरफ से पंजाब में जगह-जगह लगातार भड़काऊ पोस्टर लगाए जा रहे थे।
पुलिस ने लगाई 60 गाड़ियां
अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की 60 गाड़ियां लगाई गई थीं और कड़ी मशक्कत के बाद उसकी गिरफ्तारी में सफलता मिली। इससे पहले अमृतपाल सिंह के 6 साथियों को भी गिरफ्तार किया गया।
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