केंद्र- राज्य संबंध संघीय व्यवस्था में हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं। फिर अगर बात इसमें भी ऐसे केंद्र शासित प्रदेश की हो, जो राज्य का दर्जा भी हासिल किए हुए हो। ऐसे में विवाद तो उत्पन्न होना लाजमी है। हालिया मामला केंद्र सरकार के एक अध्यादेश पर है। जिस पर आम आदमी पार्टी ने हमला बोला है। दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया है कि केंद्र की सरकार को पता था।
सुप्रीम कोर्ट में 6 सप्ताह की छुट्टी हो रही है। इसलिए 19 मई की रात 11:00 बजे के बाद गैर संवैधानिक अध्यादेश लेकर आई है। इनका कहना है कि केंद्र सरकार रात के अंधेरे में पूरी योजना बनाती है। ऐसे असवैधानिक अध्यादेश लेकर आती है। कल आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा यह अध्यादेश पूरी तरह से संविधान के खिलाफ है, क्योंकि यह दिल्ली की चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार को फैसला लेने का अधिकार नहीं देता जो कि 11 मई को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के दिए गए फैसले के भी विपरीत है। यह अध्यादेश लोकतंत्र का अपमान है। तथा चुनी हुई सरकार के अधिकारों को छीनने के लिए लाया गया है।
क्या है अध्यादेश में?
अध्यादेश में कहा गया है दिल्ली में अधिकारियों के तबादले और तैनाती के लिए नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी बनेगी। जिसमें अध्यक्ष सीएम होंगे और राज्य के चीफ सेक्रेटरी (मुख्य सचिव) व गृह सचिव सदस्य के तौर पर रहेंगे। यह अथॉरिटी कोई भी फैसला बहुमत के आधार पर लेगी। इसके अनुसार अब मुख्य सचिव और गृह सचिव को केंद्र सरकार तैनात करेगी। तो फिर बहुमत के आधार पर निर्णय कैसे हो सकता है?
वही अथॉरिटी में कोई निर्णय गलत हो जाता है, तो उस दिशा में मामला सीधा दिल्ली के उपराज्यपाल के पास जाएगा। जिसे बदलने का अधिकार उपराज्यपाल के पास होगा। मतलब साफ है कि अध्यादेश पूरी तरह से जनमत के आधार पर चुनी गई सरकार को स्वतंत्र निर्णय लेने से रोकने के लिए लाया गया है।
दिल्ली और केंद्र सरकार की जुबानी जंग में अब किसका पलड़ा होगा भारी? यह तो सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई ही बताएगा। लेकिन जिस प्रकार से अध्यादेश लाया गया है। वह कहीं ना कहीं केंद्र- राज्य संबंधों में वर्चस्व की लड़ाई को फिर से शीर्ष पर ले जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में दिल्ली सरकार को दिए गए नौकरशाहों पर नियंत्रण के बाद केंद्र द्वारा जारी इस अध्यादेश पर दिल्ली की मंत्री आतिशी ने अध्यादेश को लोकतंत्र की हत्या बताया और कहा सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर देगी आगे उन्होंने कहा। सरकार अंधेरे में अध्यादेश लाती है। जो असंवैधानिक है।
क्या आर्टिकल 123 फिर से विवादों में घिरने वाला है?
जयपुर। अक्सर देखा जाता है कि किसान भाईयों के पास मोबाइल फोन बहुत जल्दी खराब…
India is known for handmade crafts. Our artisans make beautiful items with their hands, keeping…
In today’s time, everyone wants to do their own business. But the biggest problem is…
World Health Day : विश्व स्वास्थ्य दिवस हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है…
टोंक। विगत तीन वर्षों से अपने शैक्षणिक नवाचारों से चर्चित राहोली के पीएमश्री राजकीय उच्च…
जयपुर। हाल ही में समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के द्वारा दिए गए विवादित…