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Article 370 पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला, पढ़ें खास बातें

जयपुर। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। पांच जजों की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया है। आपको बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर विशेष दर्जा देने वाले दो कानून Article 370 और Article 35A को हटा दिया था। इसको लेकर Supreme Court में याचिका दायर की गई थी जिसपर पांच जजों ने फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।

 

धारा 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 बड़ी बातें—

  • आर्टिकल 370 हटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। 
  • पांच जजों की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया है।
  • नरेंद्र मोदी सरकार ने हटाई थी धारा 370।
  • भारत का संविधान सबसे ऊपर।
  • जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग।
  • अनुच्छेद 370 अस्थायी ​व्यवस्था थी।
  • विलय के साथ J&K की संप्रभुता खत्म।
  • जम्मू कश्मीर भी अन्य राज्यों की तरह।
  • केंद्र के फैसले पर सवाल उठाना गलत।
  • जम्मू कश्मीर का भारती में विलय सही

 

आर्टिकल 370 क्या है (What is Article 370)

भारत के संविधान में 17 अक्टूबर 1949 को आट्रिकल 370 शामिल किया गया था। यह जम्मू-कश्मीर को भारत के संविधान से अलग दर्जा देता था। इसके तहत राज्य सरकार को यह अधिकार था कि वो अपना संविधान स्वयं तैयार बनाए और उसके अनुसार सरकार चलाए। इसके साथ ही संसद को अगर राज्य में कोई कानून लाना है तो इसके लिए वहां की सरकार की मंजूरी लेनी होती थी।

 

धारा 370 क्या है हिंदी में जानिए

आर्टिकल 370 के प्रावधानों के अनुसार संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का राइट है। लेकिन, किसी अन्य विषय से सम्बन्धित क़ानून को लागू करवाने के लिये केन्द्र को राज्य सरकार का अनुमोदन जरूरी है।

आर्टिकल 370 हटाने से क्या होता है

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद-370 के प्रावधानों में बदलाव कर जम्मू-कश्मीर के स्पेशल स्टेटस को खत्म कर दिया था। जिसके बाद से जम्मू-कश्मीर अब देश के बाकी राज्यों जैसा हो गया है। पहले केंद्र सरकार का कोई भी कानून यहां लागू नहीं होता था, लेकिन अब यहां केंद्र के कानून भी लागू होते हैं।

धारा 370 कौन हटा सकता है

भारत की संसद जम्मू-कश्मीर के संबंध में सीमित क्षेत्र में ही कानून बना सकती थी। आपातकाल लगाने का प्रावधान है। यह जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता था । जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 और 35ए द्वारा दिए गए विशेष दर्जे को हटाने के लिए संसद ने 5 अगस्त, 2019 को मंजूरी दी।

कश्मीर में धारा 370 क्यों लगाई गई थी?

26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ। अनुच्छेद 370 ने तीन व्यापक रूपरेखाएँ निर्धारित कीं। मोटे तौर पर, अनुच्छेद 370 में यह निर्धारित किया गया था कि भारत अपनी सरकार की 'सहमति' के बिना, विलय पत्र द्वारा निर्धारित दायरे के बाहर जम्मू और कश्मीर में कानून नहीं बनाएगा।

कश्मीर किसका है?

जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) 5 अगस्त 2019 तक भारत का एक राज्य था जिसे अगस्त 2019 में द्विभाजित कर जम्मू और कश्मीर एवं लद्दाख नामक दो केंद्र शासित प्रदेश के रूप में स्थापित कर दिया गया।

1947 से पहले कश्मीर क्या था?

आपको बता दें कि Jammu Kashmir ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के दौरान एक रियासत थी और उसके बाद 1846 से 1947 तक भारत में ब्रिटिश राज के दौरान भी एक रियासत रही।

भारत और पाकिस्तान कश्मीर के लिए क्यों लड़ते हैं?

भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष 1947 में ब्रिटिश भारत के विभाजन से उत्पन्न हुआ, जिसने एक मुस्लिम-बहुल पाकिस्तान और एक हिंदू-बहुमत भारत की स्थापना की। भारत स्वतंत्रता अधिनियम ने जम्मू और कश्मीर के विविध क्षेत्रों को यह चुनने का अवसर प्रदान किया कि किस देश में शामिल होना है।

कश्मीर मुद्दा कब शुरू हुआ?

कश्मीर मुद्दा, पाकिस्तान और भारत के बीच विवाद की जड़ है, जिसने 1947 से उपमहाद्वीप को बंधक बना रखा है। यह मुद्दा संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे में सबसे पुराने मुद्दों में से एक है।

कश्मीर का हिंदू राजा कौन था?

कश्मीर का अंतिम हिंदू शासक उदयन देव था। उनकी प्रमुख रानी कोटा रानी राज्य की वास्तविक शासक थीं। 1339 में उनकी मृत्यु के साथ कश्मीर में हिंदू शासन समाप्त हो गया और इस तरह कश्मीर में सुल्तान शमास-उद-दीन के अधीन मुस्लिम शासन स्थापित हुआ, जिसके राजवंश ने 222 वर्षों तक घाटी पर शासन किया।

हरि सिंह भारत में क्यों शामिल हुए?

जम्मू कश्मीर में कबायली हथियारबंद लोगों और पाकिस्तानी सेना के आक्रमण के खिलाफ भारतीय सैनिकों का समर्थन पाने के लिए उन्हें भारत के डोमिनियन में शामिल होने की आवश्यकता थी। सिंह 1952 तक राज्य के महाराजा बने रहे, जब भारत सरकार द्वारा राजशाही समाप्त कर दी गई।

Anil Jangid

Anil Jangid डिजिटल कंटेट क्रिएटर के तौर पर 13 साल से अधिक समय का अनुभव रखते हैं। 10 साल से ज्यादा समय डिजिटल कंटेंट क्रिएटर के तौर राजस्थान पत्रिका, 3 साल से ज्यादा cardekho.com में दे चुके हैं। अब Morningnewsindia.com और Morningnewsindia.in के लिए डिजिटल कंटेंट विभाग संभाल रहे हैं।

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