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भारत के इस राज्य में मुख्यमंत्री का फैसला रद्द कर देता है राज्यपाल, जानिए कैसे

जयपुर। भारत संघीय राज्य है जहां केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारें भी शासन करती हैं। हालांकि, राज्य सरकारों पर नजर रखने के लिए केंद्र द्वारा राज्यपाल नियुक्त किए जाते हैं जो समय—समय पर अपनी रिपोर्ट देते रहते हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री अपने अनुसार कानून बनाने समेत शासन से जुड़े फैसले लेता है। इन फैसलों को लेकर राज्यपाल कुछ नहीं कर सकता। लेकिन, इस देश में एक राज्य ऐसा भी जहां राज्यपाल मुख्यमंत्री का फैसला रद्द कर देता है। तो आइए जानते हैं वो राज्य कौनसा है और वहां पर राज्यपाल ऐसा क्यों कर सकता है।

अरूणाचल में मुख्यमंत्री का फैसला रद्द कर सकता है राज्यपाल

आपको बता दें कि अरूणाचल प्रदेश ही देश का एकमात्र राज्य है जहां राज्यपाल मुख्यमंत्री का फैसला रद्द कर सकता है। इसके लिए राज्यपाल को भारत संविधान में मौजूद आर्टिकल 371 के तहत शक्तियां दी गई हैं। अरूणाचल के लिए संविधान में 55वां संशोधन कर आर्टिकल-371H को जोड़ा गया था। इसके तहत, राज्यपाल को कानून-व्यवस्था के लिए कुछ विशेष अधिकार दिए गए हैं। यहां पर राज्यपाल चाहें तो मुख्यमंत्री का फैसला भी रद्द कर सकता हैं। हालांकि, इस तरह का अधिकार देश के अन्य राज्यों को नहीं हैं। आइए जानते हैं देश के अन्य विशेषाधिकार प्राप्त राज्यों के बारे में-

 

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नागालैंड (Nagaland)

नागालैंड में आर्टिकल 371-A लागू है जिसके तहत इस राज्य यको 3 विशेष अधिकार दिए गए हैं. पहला- भारत का कोई भी कानून नगा लोगों के सांस्कृतिक और धार्मिक मामलों पर लागू नहीं होता। दूसरा- आपराधिक मामलों में नगा लोगों को राज्य के कानून के तहत ही सजा दी जाती है। तीसरा- नागालैंड में दूसरे राज्य का कोई भी व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकता।

असम (Assam)

असम में आर्टिकल-371B लागू है। इसके तहत, राष्ट्रपति के पास यह अधिकार होता है कि वो असम विधानसभा की समितियों का गठन करें और इसमें राज्य के जनजातीय क्षेत्रों से चुने गए सदस्यों को शामिल करे।

मणिपुर (Manipur)

मणिपुर में आर्टिकल-371C लागू है जिसके तहत राष्ट्रपति मणिपुर विधानसभा में एक समिति बना सकता है। इस समिति में राज्य के पहाड़ी इलाकों से चुने गए सदस्यों को शामिल कर सकते हैं। इस समिति का कार्य राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में बसे लोगों के हित में नीतियां बनाना होता है।

 

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सिक्किम (Sikkim)

सिक्किम में आर्टिकल-371F लागू जिसके तहत इस राज्य के राज्यपाल के पास राज्य में शांति बनाए रखने और उसके लिए उपाय करने का अधिकार है। आर्टिकल-371F के तहत, सिक्किम की पूरी जमीन पर यहां के लोगों का अधिकार है यानि बाहरी लोग यहां जमीन नहीं खरीद सकते।

मिजोरम (Mizoram)

मिजोरम में आर्टिकल-371G लागू है जिसके तहत मिजो लोगों के धार्मिक, सांस्कृति, प्रथागत कानूनों और परंपराओं को लेकर विधानसभा की सहमति के बिना भारत की संसद कोई कानून नहीं बना सकती। इसके अलावा, इसमें ये भी प्रावधान किया गया है कि यहां की जमीन और संसाधन किसी गैर-मिजो को नहीं मिल सकता। इसका मतलब इस जमीन का मालिकाना हक सिर्फ मिजो लोगों को ही दिया जा सकता है।

Anil Jangid

Anil Jangid डिजिटल कंटेट क्रिएटर के तौर पर 13 साल से अधिक समय का अनुभव रखते हैं। 10 साल से ज्यादा समय डिजिटल कंटेंट क्रिएटर के तौर राजस्थान पत्रिका, 3 साल से ज्यादा cardekho.com में दे चुके हैं। अब Morningnewsindia.com और Morningnewsindia.in के लिए डिजिटल कंटेंट विभाग संभाल रहे हैं।

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