जयपुर। उत्तर प्रदेश में माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई की 3 लोगों की हत्या कर दी। इसके बाद कुछ लोग अफगानिस्तान में हुई एक घटना का जिक्र करने लगे हैं। यह घटना पंजशीर का शेर कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद से जुड़ी है। क्योंकि उनको भी तरह से कुछ लोगों ने मार दिया था। शाह मसूद को लोग एक ऐसे शख्स के तौर पर देखते थे जिसने अफगानिस्तान के हक की लड़ाई लड़ी।
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शाह को ऐसे मारा
सन् 2000 के दशक की शुरुआत वह उत्तरी अफगानिस्तान में तालिबान के आतंकियों को दाखिल होने से रोकने की लड़ाई में मारे गए थे। उन्हें भी जर्नलिस्ट बनकर आए आतंकियों ने मार दिया था। शाह मसूद को हालांकि अफगानिस्तान में फ्रीडम फाइटर का दर्जा मिला हुआ था। लेकिन माफिया डॉन की हत्या के बाद लोगों को वही मंजर याद आ गया है जब उन्हें भी पत्रकार बन आए कुछ लोगों ने बम ब्लास्ट करके उड़ा दिया था।
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9/11 से दो दिन दिया घटना को अंजाम
11 सितंबर 2001 से दो दिन पहले यानी नौ सितंबर को अहमद शाह मसूद को मार दिया गया था। अल-कायदा के कुछ आतंकी जो दरअसल एक आत्मघाती दस्ते का हिस्सा थे, वह मसूद के पास जर्नलिस्ट्स बनकर आए थे। अहमद शाह मसूद का इंटरव्यू लेने के लिए वो उनके साथ बैठे थे। मसूद उनके किसी सवालों का जवाब देते इससे पहले ही आतंकियों ने विस्फोटकों में ब्लास्ट कर दिया।
रची गई ऐसी साजिश
1990 के दशक के अंत तक वह तालिबान और उसके साथ अल कायदा के खिलाफ लड़ने लगे थे। दोनों संगठनों को उनसे काफी समस्या होने लगी थी। मसूद पर हमले का ऑर्डर खुद अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन ने दिया था। हमलावरों ने उनके सामने खुद को ऐसा प्रतीत किया कि वो उन पर एक डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग करने आए हैं।
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इस भाषा में पूछे सवाल
मसूद के करीबी और एक जर्नलिस्ट फहीम दाश्ती ने उनकी हत्या के कुछ हफ्तों बाद एक इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने बताया था कि आतंकियों ने शांतिपूर्वक 10 दिन उनके साथ गुजारे और धैर्यपूर्वक समय मिलने का इंतजार करते रहे थे। साथ ही उन्होंने कभी भी इंटरव्यू के लिए जोर नहीं दिया और न ही कोई दबाव डाला।
लादेन से जुड़े प्रश्न पूछे
इसको लेकर सभी लोग काफी असहज थे क्योंकि ये सवाल लादेन के बारे में पूछे गए थे। कैमरामैन की मुस्कुराहट काफी शरारतभरी थी, जबकि जर्नलिस्ट के भेष में आए आतंकी काफी धैर्यवान लग रहे थे। मसूद ने जैसे ही ट्रांसलेशन सुना और जवाब देने के लिए तैयार हुए, ब्लास्ट हो गया। कैमरामैन ने उनसे कहा, आपका नेता मर गया। इस हत्या ने अफगानिस्तान के साथ ही साथ दुनिया के कई देशों को हिलाकर कर रख दिया था।