Ayodhya Masjid: अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर के उद्घाटन के बाद सबकी नजरें अयोध्या में बनने वाली मस्जिद पर टिकी है। मस्जिद का निर्माण जल्द शुरू होने की उम्मीद है। अयोध्या में 5 एकड़ जमीन पर बनने वाली ये भव्य मस्जिद (Ayodhya Masjid) अपनी बुनियाद में मक्का से लाई गई पवित्र ईंटों की गवाह बनेगी। खास बात ये है कि मक्का से लाई इन पवित्र काली ईंटों को पहले मक्का शरीफ और मदीना शरीफ में आबे जम-जम और इत्र से गुस्ल (Wash) दिया गया, यानी नहलाया गया। तो चलिए हम आपको अयोध्या में बन रही इस शानदार मस्जिद की कुछ खास बातें बता देते हैं, जो शायद आप नहीं जानते हैं।
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राम मंदिर के बाद अयोध्या में भव्य मस्जिद
राम मंदिर बनने के बाद मुसलमानों के दिल में ये सवाल बार बार उठ रहा था कि हमें मस्जिद (Ayodhya Masjid) कब मिलेगी। तो अयोध्या में भव्य मस्जिद बनने का काम अप्रैल में ईद के बाद शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। मस्जिद की नींव में मक्का शरीफ की जो काली पवित्र ईंटें लगेंगी उनको अजमेर शरीफ भी ले जाया जाएगा। अयोध्या भूमि विवाद में साल 2019 में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद बनाने का भी फैसला दिया था। यह मस्जिद अयोध्या से 25 किलोमीटर दूर धन्नीपुर गांव में बनाई जाएगी।
मस्जिद की खासियत
अयोध्या में बन रही इस आलीशान मस्जिद (Ayodhya Masjid) को लेकर कहा जा रहा है कि यह ताजमहल से भी ज्यादा खूबसूरत होगी। साथ ही इसमें एक साथ 9 हजार लोग नमाज अदा कर पाएंगे। मस्जिद में केसरिया रंग की 22 फीट ऊंची दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ रखी जाएगी। साथ ही मस्जिद में 5 मीनारें होंगी, जो इस्लाम के पांच प्रमुख स्तंभों तौहीद नमाज, रोजा, जकात और हज का प्रतीक चिन्ह बनेगी।
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नींव में मक्का से लाई पवित्र काली ईंट लगेंगी
अयोध्या में बनने वाली मस्जिद (Ayodhya Masjid) की नींव में मक्का से लाई गई पवित्र काली ईंट रखी जाएगी। 12 अक्टूबर, 2023 को ऑल इंडिया राब्ता-ए-मस्जिद के एक कार्यक्रम में पवित्र काली ईंट का अनावरण किया गया था। अयोध्या की इस मस्जिद का नाम पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब के पिता जी मुहम्मद बिन अब्दुला के नाम पर रखा गया है। मस्जिद मोहम्मद बिन अब्दुल्ला डेवलपमेंट कमेटी के चेयरमैन अरफात शेख इन ईंटों को मक्का लेकर गए, जहां ईंटों को पवित्र पानी आबे जम-जम से गुस्ल (Bath) कराया गया। इन ईंटों को अजमेर शरीफ की दरगाह भी ले जाया जाएगा।
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ईंट पर सोने से लिखी हैं आयतें और पैगंबरे इस्लाम के नाम
ईंट को मक्का की खास पवित्र काली मिट्टी से बनाया गया है। इस पर सोने से पवित्र कुरान की कुछ आयतें लिखी गई हैं। इसके अलावा ईंट के चारों तरफ पैगंबरे इस्लाम के नाम भी लिखे गए हैं। कैलीग्राफी स्टाइल में लिखी गई ये कुरानी आयतें काफी आकर्षक लगती हैं। अप्रैल में रमजान और ईद के बाद ईंट को अयोध्या ले जाया जाएगा।। मस्जिद अयोध्या (Ayodhya Masjid) में अमन एवं शांति का प्रतीक होगी।
इस्लाम के पांच स्तंभ अयोध्या मस्जिद में
ये मस्जिद भारत की पहली ऐसी मस्जिद (Ayodhya Masjid) होगी, जिसमें इस्लाम के पांच स्तंभों को पांच मीनारों के रूप में बनाया जाएगा। इस्लाम के पांच स्तंभ, तौहीद, नमाज, रोजा, जकात और हज हैं। तौहीद का मतलब है एक अल्लाह के ऊपर यकीन रखना और केवल उसी की इबादत करना। दूसरा एक दिन में 5 बार नमाज अदा करना। तीसरा साल में एक बार रमजान के महीने में रोजे रखना। चौथा जकात है, जिसका मतलब है कि आर्थिक रूप से संपन्न मुस्लिम गरीबों को संपत्ति का 2.5 फीसदी हिस्सा दान करें। पांचवां स्तंभ हज है। यानी आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्षम मुसलमानों के लिए मक्का मदीना की हज यात्रा फर्ज है। अपनी जिंदगी में एक बार हज करना साहिबे निसाब मुसलमानों के लिए जरूरी है।
मस्जिद में होगी दुनिया की सबसे बड़ी कुरान
इस मस्जिद (Ayodhya Masjid) में दुनिया की सबसे बड़ी भगवा रंग की कुरान भी रखी जाएगी। कुरआन शरीफ 21 फीट ऊंची और 36 फीट चौड़ी होगी। मुसलमानों में केसरिया या भगवा रंग सूफी संतों का रंग माना जाता है। यही वजह है कि अजमेर वाले ख्वाजा साहब के दरगाह दीवान केसरिया रंग के कपड़े पहनते हैं। इसके अलावा मस्जिद के परिसर में 500 बेड वाला कैंसर अस्पताल, स्कूल और लॉ कॉलेज, संग्राहलय और पुस्तकालय भी बनाया जाएगा। यहां पर पूर्ण शाकाहारी रसोई घर भी होगा, जहां जरूरतमंदों और आने वाले लोगों को खाना खिलाया जाएगा। साथ ही इस मस्जिद में पहली नमाज मक्का के इमाम यानी इमाम-ए-हरम अब्दुल रहमान अल सुदैस पढ़ाएंगे।