बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की ओर से मंगलवार को देशभर में हनुमान चालीसा का पाठ किया। पिछले दिनों कांग्रेस की ओर से बजरंग दल को बैन करने के बयान पर भाजपा, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद कड़ा विरोध कर रहे है। विहिप और उसकी शाखा बजरंग दल ने इसे हनुमत शक्ति जागरण अभियान नाम दिया है जिसके तहत 79 मई को प्रमुख मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किया था।
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ईसी अधिकारियों ने पाठ रुकवाने की कोशिश की
कर्नाटक में हो रहे हनुमान चालीसा के पाठ को रुकवाने के लिए निर्वाचन आयोग के अधिकारी पहुंचे। जहां ईसी अधिकारियों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के बीच बहस शुरु हो गई। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि भगवान की पूजा के लिए किसी की परमिशन की जरुरत नहीं है। हम हिंदुस्तान में है, पाकिस्तान या सीरीया में नहीं। कुछ स्थानों पर धारा 144 सीआरपीसी लगाने का हवाला देकर पाठ रुकवा दिए गए। इस पर ईसी अधिकारियों का कहना है कि मंदिर के बाहर पांच से अधिक लोगों के जमा होने की अनुमति नहीं है।
कांग्रेस ने बजरंग दल को बैन करने की कही थी बात
बीते दिनों कांग्रेस ने कर्नाटक चुनावों के लिए घोषणा पत्र जारी किया था जिसमें उन्होनें कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है तो बजरंग दल जैसे संगठनों को बंद कर दिया जाएगा। कांग्रेस ने कहा कि इस तरह के संगठन जाति और धर्म के अधार पर समुदाय में नफरत फैलाने का काम करते हैं। इस दौरान कांग्रेस ने बजरंग दल की तुलना पीएफआई से भी की थी।