जयपुर। Bharatiya Nyaya Sanhita PDF : भारत में अब क्राइम करने वालों के हाथ अपराध करने की सोचने से पहले ही कांपेंगे। क्योंकि, आज से देश में अंग्रेजों के जमाने से चल रहे 3 आपराधिक कानून बदल गए हैं। अब इनकी जगह नए कानून आए हैं जिनमें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम हैं। इन तीनों ही नए कानूनों ने क्रमशः IPC (1860), CRPC (1973) और Evidence एक्ट (1872) का स्थान लिया है। अब पुलिस में केस इन्हीं कानूनों के तहत ही दर्ज होंगे। इसको लेकर लिए देश के सभी राज्यों में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। राजस्थान की बात करें तो राजस्थान इन कानूनों को लेकर अभी फील्ड में तैनात आईओ-वरिष्ठ अफसरों को ट्रेनिंग, PHQ, RAC, विजिलेंस और इंटेलिजेंस की ट्रेनिंग होने वाली है। Bharatiya Nyaya Sanhita 2024 pdf Download आप यहां से कर सकते हैं
आतंकवाद की धारा जोड़ी गई
ये नए कानून लाने से पहले कई ऐसे अपराध थे जिन्हें आईपीसी में पारिभाषित नहीं किया गया था। उनमें यह भी नहीं बताया गया था कि कौनसे अपराध आतंकवाद की श्रेणी में हैं। इस नए कानून में भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा और आर्थिक सुरक्षा को खतरा पैदा करने को भी आतंकवाद की श्रेणी में डाला गया है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 113 में इसके बारे में बताया गया है। इसमें भारतीय मुद्रा की तस्करी तक भी शामिल है। अब आतंकवादी गतिविधियों के लिए उम्रकैद या फिर मौत की सजा का प्रावधान है।
आतंकी साजिश पर 5 साल या उम्रकैद
नए कानून के अनुसार भारत में आतंकी साजिश रचने के लिए 5 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं, आतंकी संगठन से जुड़ने पर उम्रकैद और जुर्माना होगा। आतंकियों को पनाह देने पर 3 साल से लेकर उम्रकैद की सजा होगी, साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है।
राजद्रोह का अपराध खत्म
भारतीय न्याय संहिता के तहत अब राजद्रोह कानून को समाप्त कर दिया गया है। जबकि, देश की एकता और अखंडता को खतरा पहुंचाने वाले कार्यों को अब देशद्रोह में लिया गया है। इसको लेकर अब BNS की धारा 152 लगेगी। अब मॉब लिंचिंग अपराध के लिए उम्रकैद से लेकर मौत तक की सजा दी जा सकती हे। इसको भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (2) में जोड़ा गया है।
IPC की ये धाराएं बदल चुकी हैं
IPC में हत्या के लिए धारा 302 थी जो अब BNS में धारा 101 हो है। हत्या का प्रयास कराने का मुकदमा जो धारा 307 के तहत दर्ज होता था वो अब धारा 109 में दर्ज होगा। आईपीसी में धारा 304 गैर इरादतन हत्या के लिए थी जो अब धारा 105 बन चुकी है। दहेज हत्या आईपीसी में धारा 304बी थी जो अब धारा 80 होगी। चोरी के लिए आईपीसी में धारा 379 थी जो अब धारा 303 हो चुकी है।
धारा 420 बदल कर हुई 318
भारतीय न्याय संहिता में अब रेप की धारा 376 बदलकर 64 हो गई है। छेड़छाड़ के लिए अब धारा 74 के तहत मुकदमा दर्ज होगा। वहीं, धोखाधड़ी के केस में लगने वाली धारा 420 बदलकर अब 318 हो चुकी है। लापरवाही से मौत का मामला धारा 106 में दर्ज किया जाएगा जो कि पहले 304ए में होता था। आपराधिक षड्यंत्र के लिए धारा 120बी की बजाए अब धारा 61 में मुकदमा दर्ज होगा। मानहानि केस धारा 499, 500 की जगह अब 356 में दर्ज होगा। वहीं, लूट के लिए धारा 309 और डकैती के लिए धारा 310 में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।