Bhole baba hathras satsang: 28 साल पहले भोले बाबा मतलब नारायण साकार हरि पर छेड़खानी का आरोप लगा था। इस मामले में अभियुक्त होने के बाद निलंबन की सजा सुनाई गई। उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग में के दौरान भगदड़ में 134 लोगों के मरने की पुष्टि हुई। हाथरस हादसे के भोले बाबा को पुलिस की नौकरी में शुरुआत में स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) में पोस्टिंग मिली थी। हाथरस हादसे के बाद से ही सभी जानना चाहते हैं कि भोले बाबा आखिर कौन हैं। सूरजपाल जाटव नाम के इस पूर्व पुलिस कॉन्स्टेबल ने नौकरी के बाद ये बाबा बनने का रास्ता अपनाया और इनके भक्तों की संख्या बढ़ती चली गई।
भोले बाबा, सूरजपाल जाटव कौन हैं?
भोले बाबा, सूरजपाल जाटव नारायण साकार हरि कासगंज जिले से हैं। उनका गांव बहादुरपुर हैं। उनकी नौकरी उत्तर प्रदेश पुलिस में स्थानीय अभिसूचना इकाई में लगी थी। यहां छेड़खानी का आरोप लगने के बाद निलंबित हुए। इससे पहले 18 साल की नौकरी में 18 पुलिस थानों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
जेल से निकला बाबा
छेड़खानी के मामले में सूरजपाल ने एटा जेल में लंबे समय तक सजा काटी। जेल से रिहा होने के बाद वे बाबा के रूप में ही सामने आए। उनके मकान के बाहर भी श्रद्धालु महिलाएं अपनी साड़ी के पल्लू से सफाई किया करती थी। इस मकान को कुटिया का नाम दिया गया था।
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