भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। वो अपने संसदीय क्षेत्र में ही ताकत दिखाएंगे। बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज से बीजेपी सांसद है। अयोध्या जिला प्रशासन ने सांसद बृजभूषण शरण सिंह को राम कथा पार्क में पांच जून को संत सम्मेलन के आयोजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
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महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए यौन शोषण के आरोपों से घिरे बृजभूषण सिंह 11 जून को एक बड़ी रैली का आयोजन करने जा रहे है। खबरों के मुताबिक बृजभूषण केंद्र की मोदी सरकार की नौ साल की उपलब्धियां बताने के नाम पर यह शक्ति प्रदर्शन करने वाले है। 11 जून को कैसरगंज में होने वाली इस रैली के लिए बृजभूषण शरण सिंह ने आयोजन की जिम्मेदारी विधायक अजय सिंह और अन्य सहयोगियों को सौंपी है।
आरोपों की जांच के चलते रद्द करनी पड़ी पिछली रैली
दरअसल बृजभूषण सिंह 5 जून को अयोध्या में महारैली का आयोजन करने वाले थे लेकिन इसे स्थगित किया गया था। बृजभूषण ने फेसबुक पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी थी कि पुलिस पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच कर रही है इसलिए जन चेतना रैली को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर रहे हैं। उन्होनें आगे कहा कि आरोपों की जांच के चलते और उच्चतम न्यायालय के गंभीर निर्देशों का सम्मान करते हुए पांच जून को प्रस्तावित जन चेतना महारैली’ और ‘अयोध्या चलो’ कार्यक्रम को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है।
28 वर्षों से लोगों के बीच एकता बनाए रखने का काम किया
बृजभूषण सिंह ने कहा कि मैनें सत्ता पक्ष और विपक्ष में रहते हुए हमेशा लोगों के बीच एकजुटता कायम करने की कोशिश की है। 28 वर्षों से लोकसभा सांसद के रुप में अपनी सेवाएं दे रहा हूं। जाति और धर्म के नाम पर एकता बनाए रखने के कारण ही राजनीतिक विरोधियों और उनकी पार्टियों ने मुझ पर झूठे आरोप लगाए हैं। कुछ राजनीतिक दल विभिन्न स्थानों पर रैलियां कर प्रांतवाद, क्षेत्रवाद और जातीय संघर्ष को बढ़ावा देकर सामाजिक समरसता को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं।