Cancer 7 Minute Treatment : कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही हमारी रूह कांप उठती है। लोगों को इस बीमारी से निजात पाने में या लड़ने में सालों गुजर जाते है। लेकिन अगर हम आपसे यह कहें कि अब से कैंसर का इलाज 7 मिनट में (Cancer 7 Minute Treatment) मुमकिन होगा तो आपको यह बात नामुमकिन सी लगेगी। इंग्लैंड जल्द कैंसर रोगियों के लिए सात मिनट का इलाज शुरू करने वाला है। जी हां, आपने सही सुना। ब्रिटेन की सरकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) दुनिया में पहली एजेंसी होगी जो इंग्लैंड में सैकड़ों रोगियों को कैंसर का इलाज करने वाला इंजेक्शन (Cancer 7 Minute Treatment) पेश करेगी। इससे इलाज में लगने वाले समय में तीन-चौथाई तक की कटौती हो सकती है।
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कैसे होगा 7 मिनट में कैंसर दूर ?
ब्रिटिश मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) से इसे मंजूरी मिल चुकी है। मंजूरी के बाद एनएचएस इंग्लैंड ने कहा कि इम्यूनोथेरेपी, एटेजोलिजुमाब (Cancer Injection Tecentriq Atezolizumab) से इलाज कराने वाले सैकड़ों रोगियों को त्वचा के नीचे इंजेक्शन दिया जाएगा। इससे और बेहतर परिणाम मिल सकेंगे और कैंसर के इलाज में समय की कटौती हो सकेगी।
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कैसे काम करेगी Tecentriq दवा ?
यह एक इम्यूनोथेरेपी दवा है, जो मरीज की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं को खोजने और नष्ट करने के लिए मजबूत और सक्षम बनाती है। इंग्लैंड की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि एटेजोलिजुमैब, जिसे टेकेंट्रिक (Roche Tecentriq Atezolizumab) भी कहा जाता है। टेकेंट्रिक एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है, जो कैंसर मरीजों के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्यों को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर रोगियों को ड्रिप के माध्यम से सीधे उनकी नसों में दिया जाता है। परेशानी तब आती है, जब नसों की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में रोगियों को ड्रिप लगाने में लगभग 30 मिनट या एक घंटे तक का समय लग जाता है।
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किस कंपनी ने बनाई ये दवा ?
रोश प्रोडक्ट्स लिमिटेड के मेडिकल डायरेक्टर मारियस शोल्ट्ज का कहना है कि सीधे नस में भेजने की विधि से अब पहले की 30 से 60 मिनट की तुलना में इसमें लगभग 7 मिनट का समय लगता है। बता दें, एटेजोलिजुमाब रोश कंपनी जेनेंटेक (Roche Tecentriq Atezolizumab) द्वारा बनाई गई है। वर्तमान में इसके द्वारा फेफड़े, स्तन और यकृत सहित विभिन्न प्रकार के कैंसर वाले एनएचएस रोगियों का इलाज हो रहा है। अगर यह इलाज वाकई में सफल रहा तो फिर भारत समेत दुनिया के कई देशों के कैंसर रोगियों के लिए यह एक वरदान साबित होगा। हालांकि अभी यह दवा काफी मंहगी है। लगभग ढाई लाख रुपये में ये दवा ऑनलाइन उपलब्ध हैं।