भारत के तीसरे मून मिशन ने अपनी 40 दिन की परीक्षा का एक पड़ाव सफलतापूर्वक पार कर लिया है। चंद्रयान-3 पृथ्वी की अगली कक्षा में पहुंच चुका है। इसरो ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि अंतरिक्ष यान की हालत सामान्य है। कक्षा में आगे बढ़ाने की पहली कवायद ISTRAC/इसरो, बेंगलुरु द्वारा सफलतापूर्वक पूरी की गई। इसरो ने बताया कि यान एक ऐसी ऑर्बिट (कक्षा) में है, जो पृथ्वी से सबसे नजदीक होने पर 173 किलोमीटर और सबसे दूर होने पर 41,762 किलोमीटर की दूरी पर है।
4 बार और होगी ऑर्बिट रेजिंग प्रक्रिया
14 जुलाई को लॉन्चिंग के 16 मिनट बाद चंद्रयान को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंचा दिया गया। चंद्रयान-3 अब पृथ्वी की पहले से बड़ी कक्षा में पहुंच गया। इसके साथ ही पहली ऑर्बिट रेजिंग प्रक्रिया पूरी हुई। ऑर्बिट रेजिंग की प्रक्रिया अभी 4 बार और की जाएगी। 31 जुलाई तक सारी प्रोसेस पूरी किए जाने का लक्ष्य है।
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40 दिन का होगा इम्तिहान
चंद्रयान-3 लॉन्च के पूरे 40 दिन बाद चंद्रमा पर पहुंचेगा। इन 40 दिनों में चंद्रयान को कई परीक्षा पार करनी होगा। साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस उन्नीकृष्णन नायर ने बताया कि अंत में चंद्रमा की सतह पर ‘लैंडिंग’ के लिए इसमें लगे ‘थ्रस्टर्स’ की मदद से इसे पृथ्वी से दूर ले जाया जाएगा। चंद्रयान को जैसी शुरुआती स्थितियां चाहिए थी उसे वैसी मिली है। इसलिए प्रयोग का पहला चरण सौ प्रतिशत सफल रहा है।