अतिथि देवो भव यह धारणा हमारे संस्कारों में इतनी गहरी बैठ कर चुकी है। कि हमने ना सिर्फ इंसानों अपितु जानवरों के लिए भी ऐसी ही धारणा बना रखी है। इसी का साक्षात उदाहरण दिखाई दिया। मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में। आपको तो याद होगा 2022 से यह चर्चा में रहा है। जब 17 सितंबर 2022 को 8 चीजों को कूनो नेशनल पार्क में लाया गया था।
नामीबिया से लाए गए इन 8 चीजों का स्वागत स्वयं नरेंद्र मोदी ने किया था। जिसमें 5 मादा और 3 अन्य सभी को बाड़ों से निकालकर चीता प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। वही 18 फरवरी 2023 को साउथ अफ्रीका से 12 नए चीतों की आवभगत हुई थी। इसमें 7 नर और 5 मादा चीते शामिल थे।
इसी दौरान 26 मार्च को पहला नामिबिया चीता किडनी संक्रमण से काल के ग्रास में चला गया। इसके बाद 23 अप्रैल को साउथ अफ्रीकी चीता उदय ने कार्डियोफिल्नोरिया से दम तोड़ा है। यही नहीं 9 मई को साउथ अफ्रीका मादा चीता दक्षा की मीटिंग के दौरान हिंसक झड़प से मौत हो गई।
यह दौर अभी भी नहीं थमा और 23 मई को नामीबिया चीता सियाया (ज्वाला) के 4 शावकों में से पहले शावक की बीमारी से मौत हो गई। 25 मई को नामीबिया चीता ज्वाला के शेष 3 बच्चों में से दो डिहाइड्रेशन से मर गए। अब मात्र एक बच्चा बचा है। जिसका उपचार चल रहा है।
ऐसे में स्थानीय लोक कलाकार एवं चीता मित्र गिरिराज पालीवाल का कहना है कि वह मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में ग्रामीणों के साथ एकत्रित होकर अपनी -अपनी श्रद्धा अनुसार हवन पूजा-पाठ अर्चना कर रहे हैं। एक के बाद एक लगातार तीन चीतों और मादा चिता ज्वाला के तीन शावकों की मौत के बाद सभी ग्रामीण दुखी है
ऐसे में पार्क में बाकी बचे चीतों के स्वास्थ्य और सुरक्षित जीवन की कामना के साथ यह पूजा -पाठ मध्य प्रदेश कराहल तहसील मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में चीतों की सुरक्षा और सेहत के लिए हवन, महामृत्युंजय मंत्र का जाप, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ किया जा रहा है। इसमें ग्रामीणों के साथ -साथ अनेक चीता प्रेमी मित्र भी शामिल हुए।