चीन ने अपनी कंट्री के मैप में बदलाव किया है। चीन ने अरुणाचल की 11 जगहों के नाम बदल दिए है। इनमें 4 रिहायशी इलाके, 5 पहाड़ी क्षेत्र और 2 नदियां शामिल है। चीन ने इन 11 इलाकों का नाम मन्दारिन और तिब्बती भाषा में रखे हैं। वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन की इस हरकत पर जवाब देते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का आंतरिक हिस्सा है और हमेशा रहेगा। चीन ने तीसरी बार ऐसा किया है।
5 साल में तीसरी बार बदलें नाम
चीन ने कभी भी अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं माना है। चीन का कहना है कि भारत ने दक्षिण तिब्बत के हिस्से पर कब्जा करके उसको भारत का नाम दिया है। हमेशा चीन ने अरुणाचल को दक्षिण तिब्बत का ही हिस्सा माना है। खबरों के मुताबिक चीन की सिविल अफेयर मिनिस्ट्री ने इन 11 नामों को बदलने की मंजूरी दे दी है। इससे पहले भी चीन ने कई इलाकों के नाम बदले हैं। चटीन ने 2017 में 6 जगह और 2021 में 15 जगहों के नाम बदले हैं।
नाम बदलने से नहीं बदलेगी हकीकत
चीन की इस हरकत पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी पलटवार किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत इन नामों को खारिज करता है। अरुणाचल प्रदेश भारत का आंतरिक हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलने वाली।