नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस बड़ी जीत के साथ सत्ता में आ चुकी है। कांग्रेस ने बहुमत का जादुई आंकड़ा छू लिया है। जबकि भाजपा के लिए दक्षिण का दुर्ग ढह गया है। कांग्रेस की इस बड़ी जीत में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के साथ ही पर्दे के पीछे कई नेता थे जिन्होंने भाजपा को मात देने में अहम भूमिका निभाई है। ये प्रमुख नेता इस प्रकार है—
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एमबी पाटिल
एमबी पाटिल कर्नाटक कांग्रेस के लिंगायत चेहरों में से आते हैं। कांग्रेस की जबरदस्त चुनावी रणनीति के पीछे एमबी पाटिल की प्रमुख भूमिका है। कांग्रेस की कैंपेन कमेटी के एमबी पाटिल चेयरमैन हैं। कांग्रेस ने इस बार स्थानीय मुद्दों के साथ ही डोर-टू-डोर कैंपेन पर ज्यादा जोर दिया है। इसके पीछे भी पाटिल का दिमाग है। इसी वजह से 4 साल बाद सोनिया गांधी ने कोई चुनावी रैली की। पांच बार के विधायक और कुमारस्वामी सरकार में गृहमंत्री रहे एमबी पाटिल को मिशन शेट्टार भी दिया गया था। जगदीश शेट्टार को कांग्रेस में लाने के पीछे उनका योगदान है।
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शशिकांत सेंथिल
ये कांग्रेस पार्टी में आने से पहले आईएएस अधिकारी थे। 2009 कर्नाटक कैडर के आईएएस सेंथिल कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस वॉररूम के प्रभारी की भूमिका में रहे। उन्होंने 2019 में आईएएस की नौकरी से इस्तीफा देकर 2020 में कांग्रेस ज्वॉइन की थी। जुलाई 2022 में ही उन्हें वॉररूम की जिम्मेदारी दी गई। चुनाव के दौरान उन्होंने एक-एक सीट का आकलन किया और उसकी रिपोर्ट बड़े नेताओं को भेजी। फैक्ट चेक के साथ ही बीजेपी नेताओं के बयानों पर पलटवार के लिए वॉररूम में सेंथिल के नेतृत्व में एक पूरी टीम काम कर रही थी। आपको बता दें कि सेंथिल मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले हैं।
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सुनील कानुगोलू
सुनील कानुगोलू एक डेटा एनालिसिस एक्सपर्ट हैं। कानुगोलू 2022 से ही कर्नाटक कांग्रेस के रणनीतिकारों में से हैं। कैंपेन, सर्वे और उम्मीदवारों के सेलेक्शन में कानुगोलू ने रणनीति तैयार की। कर्नाटक के बेल्लारी के रहने वाले कानुगोलू ने अमेरिका से एमबीए की पढ़ाई की है। 2009 में वह भारत लौटे थे। प्रशांत किशोर की टीम (सिटिजन फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस) से भी वह जुड़े। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले वह नरेंद्र मोदी के अभियान से जुड़ी टीम में शामिल थे।
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जी परमेश्वर
इनको कर्नाटक में कांग्रेस का घोषणा पत्र बनाने वालों में अहम चेहरा माना जाता है। इस मेनिफेस्टो की 5 गारंटियां काफी चर्चा में रहीं। कांग्रेस के 62 पन्नों के इस घोषणा पत्र की बाकी बातें कांग्रेस के पक्ष में गईं। गृह ज्योति योजना के तहत हर महीने 200 यूनिट मुफ्त बिजली, गृह लक्ष्मी स्कीम में परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये प्रति माह की गारंटी दी गई। इसके अलावा अन्न भाग्य के जरिए गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवार के हर सदस्य को 10 किलो चावल प्रति माह की गारंटी दी गई। इसके साथ ही युवा निधि के तहत बेरोजगार ग्रैजुएट को 3,000 रुपये मासिक की गारंटी दी। वहीं, डिप्लोमा धारकों को 2 साल के लिए 1,500 रुपये प्रति माह की गारंटी शामिल की गई।