जयपुर। कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अपने जयपुर दौरे के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अडानी समूह को ईस्ट इंडिया कंपनी बनाकर रख दिया है। जैसे ईस्ट इंडिया कंपनी ने हिंदुस्तान को खोखला कर दिया था, वैसे ही काम अडानी कर रहा है और दोबारा हिंदुस्तान को गुलामी की तरफ धकेला जा रहा है। पाकिस्तान और चीन लगातार हिंदुस्तान को घेर रहे हैं, घुसपैठ हो रही है लेकिन मोदी सरकार इस पर कोई एक्शन नहीं ले रही है क्योंकि फैसले मोदी सरकार नहीं बल्कि अडानी लेते हैं। ईस्टर्न कैनल परियोजना के मामले में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक शब्द नहीं बोल रहे हैं क्योंकि ईस्टर्न कैनल परियोजना पर भी फैसला अडानी ग्रुप को लेना है।
खत्म करो आपसी लड़ाई और गुटबाजी
प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं को आपसी लड़ाई और गुटबाजी को छोड़कर एकजुट होना चाहिए। अगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं नेताओं ने गुटबाजी और आप लड़ाई को खत्म कर दिया तो देश से बीजेपी और मोदी अपने आप खत्म हो जाएंगे क्योंकि आप से लड़ाई से कोई मतलब नहीं है इसका नुकसान पार्टी को हो रहा है।
तालियों और जिंदाबाद के नारों ने नेताओं का दिमाग खराब
प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कांग्रेस नेताओं को मंच से ही नसीहत दी तो वहीं कार्यकर्ताओं को भी कहा कि कि वो नेताओं के लिए तालियां और जिंदाबाद के नारे लगाना बंद करें क्योंकि तालियों और नारों से नेताओं का दिमाग खराब हो जाता है, आज नेता और कार्यकर्ताओं में करंट नहीं रहा है, करंट पैदा करने की जरूरत है। कार्यकर्ताओं के मन में जो डर बैठा हुआ है उसे बाहर निकाल देना चाहिए और पूरी एकजुटता के साथ चुनावी तैयारियों में जुटना चाहिए। विधायकों को भी चुनावी मोड में आ जाना चाहिए और चुनावी तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री और मेरा अलग-अलग नेचर
वहीं धरना समाप्त होने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए पुलवामा हमले के शहीदों की विधवाओं की अभी तक भी मुख्यमंत्री की मुलाकात नहीं होने के सवाल पर सुखविंदर सिंह रंधावा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तीन बार के सीएम हैं और अच्छी समझ रखते हैं। मेरा नेचर अलग है, उनका नेचर अलग है।
मुख्यमंत्री इसलिए नहीं मिले विरांगनाओं से
मुख्यमंत्री गहलोत विरांगनाओं से क्यों नहीं मिले, इसका जवाब तो वहीं दे सकते हैं। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के भी धरने में शामिल नहीं होने के सवाल पर कहा कि दोनों नेता धरने में क्यों नहीं आए इसका जवाब तो वही दे सकते हैं लेकिन मैं धरने में आया हूं मैं भी बड़ा नेता हूं मैं किसी की सिफारिश से प्रदेश प्रभारी नहीं बना बल्कि पार्टी आलाकमान ने मुझे यह जिम्मेदारी थी जो मैं अच्छी तरह से निभा रहा हूं।